शिवसेना और इंदौर पुलिस आमने-सामने, पूर्व प्रदेश प्रमुख के हत्यारों को पकड़ने की मांग को लेकर निकाली गई प्रदेश सरकार की अर्थी 

Gaurav Sharma
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इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्यप्रदेश के इंदौर में खंडवा रोड़ स्थित ओम साईं राम ढाबे पर 1 अगस्त को बड़ी बेरहमी से मध्यप्रदेश के पूर्व शिवसेना प्रमुख रमेश साहू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और अज्ञात बदमाश मौके से भागने में सफल हुए थे। इसके बाद से ही इंदौर पुलिस ने कई संदिग्धों की धरपकड़ की, लेकिन बावजूद उसके अब तक असली हत्यारों का पता नही चल पाया है, जिसके चलते नाराज शिवसैनिको ने आज इंदौर के ह्रदय स्थल राजबाड़ा पर विरोध स्वरूप मध्यप्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

दरअसल, शिवसेना नेता रमेश साहू की हत्या करने वाले अब तक पुलिस की गिरफ्त में नही आये है। ऐसे में शिवसैनिक लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। उन्हें फांसी की सजा देने की मांग कर रहे है।आज शिवसैनिकों ने राजबाड़ा पर मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और राज्य सरकार अर्थी निकालने की कोशिश भी की। जिसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए शिवसेना के कार्यकर्ताओं को रोक दिया। इस दौरान दोनों ओर से खींचतान हुई।

शिवसैनिकों का कहना है कि जब तक हत्यारोपी गिरफ्त में नहीं आते तब तक शिवसेना मुखर होकर विरोध जारी रखेगी। शिवसेना के इंदौर प्रमुख पंडित लाखन शर्मा की माने तो प्रदेश में लगातार हिन्दू नेताओं को टारगेट किया जा रहा है और सरकार कुछ नहीं कर रही है और इसलिए शिवसेना आज विरोधस्वरूप अर्थी निकाल रही है। क्योंकि इसके पहले पुलिस के आला अधिकारियों और प्रदेश के राज्यपाल के नाम भी ज्ञापन सौंपा गया है, ताकि शिवसेना के पूर्व प्रदेश प्रमुख के हत्यारों को पकड़ने के लिए पुलिस तेजी दिखाए। लेकिन अब तक हत्यारों तक पुलिस नही पहुंच पाई है।

इधर, पुलिस के आला अधिकारियों ने माना कि आज शिवसेना ने धरना नही दिया है बल्कि अर्थी निकालकर विरोध किया जा रहा था जिसके बाद पुलिस ने उनके प्रयासों को विफल कर दिया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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