MP News : NCPCR के छापे में शराब फैक्ट्री में काम करते मिले मासूम प्रशासन की कस्टडी से गायब, अध्यक्ष कानूनगो पहुंचे फैक्ट्री

खास बात ये है कि शराब फैक्ट्री परिसर के अंदर ही आबकारी विभाग का ऑफिस है और उसकी ही देखरेख में फैक्ट्री संचालित हो रही थी। NCPCR अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो बोले FIR की कार्यवाही जारी है सरकार को आबकारी अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने नोटिस जारी किया गया है ।

Children rescue from liquor factory

MP News : इन समय बाल श्रम निरोधक माह मनाया जा रहा है,राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ( NCPCR) इसपर पैनी नजर बनाये हुए है, आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो इन दिनों मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं, आज वे रायसेन में थे उन्हें शिकायत मिली थी कि शराब फैक्ट्री में मासूमों से काम कराया जाता है, जब उन्होंने छापा मारा तो शिकायत सही पाई गई, उन्होंने मासूमों को वहां से रेस्क्यू कर प्रशासन की सौंप दिया लेकिन अब बच्चे वहां से बच्चे गायब हो गए हैं, खबर लगते ही  आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो वापस शराब फैक्ट्री पहुंचे हैं

बाल श्रम निरोधक माह के अंतर्गत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) बाल श्रमिकों को तलाश करने और उन्हें बाल श्रम से छुटकारा दिलाने का प्रयास कर रहा है, आयोग अध्यक्ष ने बचपन बचाओ आंदोलन से प्राप्त शिकायत के आधार पर आज रायसेन ज़िले में सोम डिस्टलरी नामक शराब बनाने वाली फ़ैक्टरी में निरीक्षण किया गया।

रायसेन की सोम डिस्टलरी में काम करते मिले मासूम 

टीम को इस शराब फैक्ट्री में 50 से अधिक बच्चे शराब बनाने का काम करते हुए पाए गए हैं इनमें 20 लड़कियाँ भी हैं। यह संस्थान सरकार के आबकारी विभाग की देखरेख में संचालित है आबकारी अधिकारी का दफ़्तर भी यहीं परिसर में है। रसायनों के सम्पर्क में रहने से कई बच्चों के हाथ की चमड़ी भी जल चुकी है,बच्चों को रेस्क्यू करने एवं FIR दर्ज करने की कार्यवाही की जा रही है। आबकारी अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए सरकार को नोटिस जारी किया जा रहा है।

NCPCR ने प्रशासन को सौंपे , बच्चे कस्टडी से गायब 

बाल आयोग ने बच्चों को रेस्क्यू कर प्रशासन को सौंप दिया और एसडीएम को निर्देश दिए कि इन्हें CWC के सामने पेश किया जाएँ दोषियों बाल संरक्षण कानूनों के तहत कार्रवाई की जाये, इतना निर्देश देकर वे वहां से चले गए, अब उन्हें सूचना मिली कि बच्चे प्रशासन की कस्टडी से ही गायब हो गए, इस बात की पुष्टि अध्यक प्रियंक कानूनगो ने एमपी ब्रेकिग्न न्यूज़ से बात करते हुए की, उन्होंने कहा कि वे एक बार फिर फैक्ट्री पहुंच रहे हैं उसेक बाद आगे का एक्शन लिया जायेगा


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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