8 कॉलोनाइजरों पर FIR दर्ज, गिरफ्तार एक भी नहीं, पूर्व नपाध्यक्ष और भाजपा नेता फरार

Gaurav Sharma
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रतलाम, सुशील खरे। अवैध और अविकसित कॉलोनियों के मामले में पुलिस ने सीएमओ की रिपोर्ट पर आठ कॉलोनाइजरों पर एफआईआर दर्ज की है। इनमें से एक भी अब तक गिरफ्तार नहीं हुए है। पूर्व जावरा नगर पालिका अध्यक्ष अनिल दसेड़ा और  उनके भाई तथा पार्टनर सहित भाजपा नेता हैं फरार है, जिस को लेकर पुलिस का कहना है कि हमने सभी आरोपियों के घर दबिशें दीं, लेकिन वे नहीं मिल रहे हैं। इसलिए अब उनकी चल और अचल संपत्तियों की जानकारी जुटाई जा रही है।  वहीं आलोट विधायक मनोज चावला ने बताया आलोट में भी कई अवैध कालोनी है, जिसके खिलाफ विधानसभा में मुद्दा उठाया जाएगा।

लिखा गया तहसील, नगरपालिका और रजिस्ट्रार कार्यालय को पत्र

जावरा सीएसपी पीएस राणावत ने बताया कि तहसील, नगरपालिका और रजिस्ट्रार कार्यालय को पत्र लिखकर वहां से सभी आरोपियों की चल व अचल संपत्तियां की जानकारी जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जानकारी मिलने के बाद कोर्ट में आवेदन लगाकर कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। इधर, कॉलोनी मामले में बुधवार को जावरा आए आलोट विधायक मनोज चावला ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि जावरा के आसपास कुछ कॉलोनियां मेरे विधानसभा क्षेत्र की सीमा में भी स्थित हैं। यहां लोग मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से परेशान हैं, इसलिए प्रशासन ने एफआईआर का साहसिक काम किया है। भले ही मेरा भाई क्यों ना हो, यदि उसने गलत किया है तो कार्रवाई होना चाहिए। बल्कि मैंने तो कॉलोनी का मामला पूर्व में विधानसभा में उठाया था और अभी तो एक दिन का सत्र हुआ लेकिन आगे जब भी सदन चलेगा तो पटल पर इस मुद्दे को लाया जाएगा। जनता को मूलभूत सुविधाएं मिलना चाहिए।

शहर की 10 कॉलोनियों की छंटनी की गई, आज मौका निरीक्षण कर सकती है नपा व राजस्व टीम

10 कॉलोनी के मामले में 8 कॉलोनाइजरों पर एफआईआर होने के बाद अब एसडीएम एवं नपा प्रशासक राहुल धोटे ने बाकी अवैध व अविकसित कॉलोनियों की जांच-पड़ताल के निर्देश दिए है। इसमें से पहले उन अगली 10 कॉलोनियों को चिन्हित करने का कहा है, जहां ज्यादा गड़बड़ी है अथवा शर्तों का उल्लंघन हुआ है। नपा सीएमओ डॉ. केएस सगर ने इस सिलसिले में बुधवार शाम एसडीएम से मुलाकात भी की है। सीएमओ ने तो 10 फाइलों की छानबीन भी शुरू कर दी है लेकिन इस बीच बुधवार शाम उनके ट्रांसफर के आदेश आ गए है। इसे कॉलोनी इफेक्ट कहा जा रहा है, क्योंकि आगे जो अवैध व अविकसित कॉलोनियां हैं, उनमें कई और भाजपा व कांग्रेस के नेता कॉलोनाइजर है। यदि वे उलझते हैं तो पक्ष-विपक्ष दोनों में हड़कंप मचेगा। इधर, नपा सीएमओ सगर का कहना है कि एसडीएम के आदेश पर 10 कॉलोनियों की जांच के लिए टीम को निर्देश दिए हैं। गुरुवार को स्पॉट निरीक्षण कर जांच प्रतिवेदन बनाएंगे। जांच और कार्रवाई में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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