10 दिन पहले चाइल्ड लाइन को शिकायत मिली। शिकायत करने वाले सेंट जोसेफ स्कूल (नामली) के ही स्टूडेंट हैं। बताया- मैनेजमेंट ने स्कूल टॉयलेट में CCTV कैमरे लगवा रखे हैं। शिकायत के अगले ही दिन चाइल्ड लाइन की टीम स्कूल पहुंचकर जांच की। टीम को 2 बॉयज टॉयलेट में कैमरे लगे मिले। स्कूल मैनेजमेंट को नोटिस देकर पूछा था- आखिर ऐसा क्यों किया गया, ऐसा करने की क्या जरूरत पड़ी, स्कूल मेनेजमेंट ने बताया कि छात्र स्कूल के वाशरूम में गंदी ड्रॉइंग बनाते है और किसी छात्रा या टीचर का नंबर वाशरूम की दीवारों पर लिख देते है, इसी के चलते स्कूल प्रबंधन ने कैमरे लगाने का फैसला लिया, स्कूल प्रबंधन के इस जवाब के बाद राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूल को क्लीनचिट दे दी।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एंट्री, स्कूल पर FIR
इसके बाद 31 अगस्त को मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया। राष्ट्रीय बाल आयोग ने रतलाम SP को लेटर जारी कर FIR करने के लिए कहा। क्या कार्यवाही की? इसकी जानकारी 7 दिन में मांगी है। राष्ट्रीय बाल आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का एक बयान भी सामने आया है। इसमें उन्होंने इस गंभीर मामले में पॉक्सो (Protection of Children Against Sexual Offence) और जेजे (Juvenile Justice) एक्ट के तहत कार्रवाई किए जाने की बात कही। इसे चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा मामला बताया। अब वही इस मामलें को लेकर राज्य और राष्ट्रीय बाल आयोग की टीमें आमने सामने आ गई है, एक ने स्कूल को क्लीनचिट दे दी, वही दूसरे ने FIR के निर्देश दे दिए, फिलहाल इस मामलें में FIR होने के निर्देश के बाद स्कूल प्रबंधन ने आयोग को अपना जवाब पेश किया है लेकिन राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग स्कूल पर कार्रवाई के मूड में है।