रतलाम, सुशील खरे। रतलाम (ratlam) के मेडिकल काॅलेज (medical college) के हालात सुधरते दिखाई नहीं देते है। जबकि प्रदेश के वित्तमंत्री (finance minister) ओर जिला कोविड प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा ने अपने निरीक्षण (inspection) के बाद दो दिन में व्यवस्थाओ में सुधार का दावा किया था। लेकिन शुक्रवार की रात को एक बुजुर्ग ने जिस तरह से दम तोड़ा (died) उससे मंत्रीजी का दावा खोखला ही साबित हो रहा है। यहां लापरवाही (carelessness) इस कदर हो रही है कि इस बुजुर्ग को मास्क तो लगा दिया लेकिन आक्सीजन की नली ही नहीं लगाई। वृद्ध ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।
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ताजा मामला शुक्रवार का है, रतलाम मेडिकल कॉलेज में जहां पर ऑक्सिजन नली निकलने से एक वृद्ध राजकुमार दीक्षित की मृत्यु हो गयी। उनके ही पास में भर्ती उनकी पत्नी भी गंभीर थी लेकिन उन्होंने अपने पति को तड़पते हुए देखा और किसी तरह अपने पास रखे मोबाइल से काॅल कर अपनी बेटी को सूचना दी। लेकिन कुछ मदद मिलती उसके पहले ही राजकुमार दीक्षित ने दम तोड़ दिया। इसी सदमे में कुछ देर बाद उनकी पत्नी की भी मृत्यु हो गयी। राजकुमार दीक्षित के बिना नली के मास्क लगा होने का वीडियो भी बनाया गया जो अब खूब वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि रतलाम मेडिकल कालेज में किस तरह से कोरोना मरीजो का इलाज किया जा रहा है। इस वार्ड में सहायता के लिए में कोई भी डॉक्टर कोई भी नर्स मौजूद नहीं थे बस कचरा फेंकने वाला एक व्यक्ति मौजूद था। पूरे वार्ड में किसी प्रकार की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं थी। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने पिछले 7 दिनों में उनका RTPCR तक कराना मुनासिब नहीं समझा।
मेडिकल कालेज में मौतों के आंकड़े छिपाने के इस खेल की यह तस्वीर काफी घिनौनी हैं। ऐसी कई मौतें सिस्टम की मौत हैं। बुधवार को नीमच के एक युवक की मौत का मामला तो उस समय सामने आया था जब प्रदेश के वित्त मंत्री और जिला कोविड प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा मेडिकल कालेज के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। यहां पर इस युवक के परिजनों ने रो रो कर मेडिकल कालेज की लापरवाही को बयां किया था। और मंत्री जी ने भी मेडिकल कालेज में व्यापत अव्यवस्थाओं को स्वीकार करते हुए दो दिन में सुधार की बात कही थी। लेकिन मेडिकल कालेज में लापरवाही से हो रही लगातार मौतों से साफ साफ पता चलता है कि मंत्रीजी का दावा खोखला ही साबित हुआ है।
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शुक्रवार को मेडिकल कालेज की लापरवाही के कारण मौत के मुह में समाए इस बुजुर्ग दम्पति का बेटा भी इसी मेडिकल काॅलेज में इलाज के लिए भर्ती है। वह भी कोरोना पॉजेटिव है। बुजुर्ग दम्पति के बेटी और दामाद ही इन तीनो को संभाल रहे थे। कल जब अंतिम संस्कार हुआ तो एक ही चिता पर बुजुर्ग दम्पति का अंतिम संस्कार किया गया। चिता को अग्नि उनकी दोनों बेटियों ने दी।