सतना जिला पंचायत सीईओ का जबलपुर तबादला, मैडम नहीं करती लापरवाही बर्दाश्त

Gaurav Sharma
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जबलपुर, संदीप कुमार।जहां तबादला हुआ वहां तो जाना पड़ेगा, फिर इसमें टाइम कितना ही लगे,जबलपुर तो आना है पर तय नहीं,जबलपुर आकर कामों को प्राथमिकता से कराना है जहां लापरवाही होगी वहां सख्ती से काम होगा, यह बाते फोन पर नवागत जिला पंचायत सीईओ ऋजु बाफना ने कही हैं । सतना जिला पंचायत में पदस्थ मुख्यकार्यपालन अधिकारी ऋजु बाफना का तबादला जबलपुर जिला पंचायत में किया गया है। नवागत सीईओ भले ही अभी जबलपुर न आई हो पर उनके आने की चर्चा जिला पंचायत में तेजी से है।

कामकाज में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं

नवागत जिला पंचायत सीईओ ने चर्चा करते हुए बताया कि कामकाज में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्ती का तरीका अधिकारी मानेंगे तो उसी हिसाब से काम लिया जाएगा। जिस ढंग से काम करने में अधिकारी-कर्मचारी तैयार होंगे वही रास्ता अपनाया जाएगा।

जिला पंचायत में चर्चा हुई तेज, मैडम है कड़क

जिला पंचायत कार्यालय में इस समय नवागत सीईओ की आगवनी को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। सभी अधिकारी अपने-अपने तरीके से सीईओ का स्वागत करना चाहते हैं, इधर कार्यालयों में चर्चा है कि मैडम बहुत तेज है। किसी भी तरह की बहानेबाजी बर्दाश्त नहीं करती है।

सतना में था खौफ, भ्रष्टाचार से सख्त नफरत

जानकारी के मुताबिक नवागत जिला पंचायत सीईओ काम को प्राथमिकता देती है और इसी के कारण सतना जिले में उनकी उन लोगों से पटरी नहीं बैठी जो काम को महत्व नहीं देते थे। कहा जा रहा है कि सीईओ की सतना के जनप्रतिनिधियों से पटरी नहीं बैठी है और यही वजह है कि उनका तबादला जबलपुर किया गया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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