सतना।
मध्यप्रदेश के चित्रकूट में अगवा किए गए जुड़वा भाईयों की हत्या मामले में पहली बड़ी कार्रवाई की गई है।इस लापरवाही में एसपी ने चित्रकूट नयागांव टीआई सहित 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। नयागांव थाना प्रभारी संतोष तिवारी को बनाया गया है।वही पीड़ित पिता ब्रजेश रावत को ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय की गुहार लगाई है और इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में सरकार बड़ी कार्रवाई कर सकती है और कई अधिकारी निशाने पर आ सकते है। फिलहाल इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुलिस महानिदेशक वीके सिंह से 12 दिन में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई तलब की है।
मिली जानकारी के अनुसार, 12 फरवरी को अपहरण के बाद नया गांव थाना प्रभारी केपी त्रिपाठी, ट्रैफिक प्रभारी सुधांशू तिवारी, सिपाही शिवप्रसाद बागरी व सिपाही चंदू पांडेय को विशेष टास्क टीम में लगाकर इस घटना का पर्दाफाश कराने को लगाया गया था। लगभग 12 दिनों तक टीम ने कोई खास उल्लेखनीय काम नहीं किया जिससे अपहृत बच्चे छूट नहीं पाए और उनकी हत्या तक कर दी गई। इस काम में गंभीरता न दिखाने और घोर लापरवाही बरतने पर चारों को निलंबित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि वारदात के बाद से पूरा ऑपरेशन रीवा जोन आइजी चंचल शेखर, डीआइजी अविनाश शर्मा, सतना एसपी संतोष सिंह गौर, एएसपी गौतम सोलंकी के नेतृत्व में चल रहा था। इनके इशारे पर पुलिसकर्मी दबिश से लेकर सर्चिंग-कॉम्बिग अभियान को अंजाम दे रहे थे। ये दावा करते रहे कि वे जल्द खुलासा कर लेंगे। ऐसी ही रिपोर्ट डीजीपी व मुख्यालय को भेजते रहे। लेकिन बावजूद इसके ये सफल नही हो पाए, इनकी लापरवाही से दो मासूमों की जान चली गई। रावत ने अपने बच्चों के अपहरण और हत्या में कई बड़े लोगों के शामिल होने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि फिरौती की रकम मांगने की जानकारी उप्र और मप्र पुलिस को थी। उन्हें पुलिस पर कोई भरोसा नही है।
गौरतलब है कि 12 फरवरी को चित्रकूट स्थित सदगुरु पब्लिक स्कूल परिसर से अपह्रत तेल कारोबारी ब्रजेश रावत के जुड़वां बेटों श्रेयांश और प्रियांश की अपहरणकर्ताओं ने 20 लाख रुपये फिरौती लेकर भी निर्मम हत्या कर दी थी। अपहरणकर्ताओं ने बच्चों को यमुना नदी में जिंदा फेंक दिया। पुलिस ने शनिवार देर रात एक बजे प्रियांश और श्रेयांश (5) के जंजीर से बंधे शव उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के बबेरू के पास नदी से बरामद किए। मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें से पांच महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के छात्र हैं। एक आरोपित शिक्षक है, जो रावत परिवार के पड़ोस में ट्यूशन पढ़ाता है। अपहरणकर्ताओं ने ब्रजेश रावत से फिरौती के 20 लाख रुपए भी लिए थे, लेकिन पहचाने जाने के डर से बच्चों की हत्या कर दी।हत्या के बाद सतना में प्रदर्शन किए गए, आगजनी, पथराव और तोड़फोड़ की गई। वही सोमवार को सतना में मौन जुलुस निकाला गया,इसमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज भी शामिल हुए।श्रीराम संस्कृत कॉलेज ने मुख्य आरोपी पद्म शुक्ला के पिता रामकरण को निष्कासित कर दिया है। महात्मा गांधी ग्रामोदय विवि ने आरोपित छात्रों को निष्कासित कर दिया है।मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाए जाने की बात कही है और पुलिस महानिदेशक वीके सिंह से 12 दिन में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई तलब की है। अगर किसी भी पुलिस अधिकारी की लापरवाही सामने आती है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। इस बीच शासन ने एसटीएफ का संभागीय कार्यालय सतना में खोलने का फैसला किया है।