सीहोर, अनुराग शर्मा। सीहोर (sehore) में एक छोटी सी चाय की दुकान चलाने वाला युवा जूडो (judo) का इंटरनेशनल खिलाड़ी (international player) है। युवा का नाम कपिल परमार है और बता दें कि कपिल ने देश-विदेश में अपनी प्रतिभा (talent) के दम पर सीहोर शहर का नाम रोशन किया है। लेकिन विडंबना ये है कि परिश्रम (hard work) और लगन से जूडो में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई खिताब हांसिल करने के बाद और सीहोर शहर का नाम रौशन करने के बाद भी प्रशासन (administration) को इसका बिल्कुल भी सम्मान नहीं है। जूडो के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी को शहर में चाय की छोटी सी दुकान चला कर गुजर करनी पड़ रही है।
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गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी कपिल परमार को सरकार की तरफ से 2019 के बाद से न ही कोई स्काॅलरशिप दी गई है और न ही कोई राशी प्राप्त हुई है। परमार ने बताया कि सरकार बड़ी-बड़ी घोषणा तो करती है मगर कुछ बड़ा नहीं कर पाती। कपिल परमार गरीबी से जूझ रहे है और एक चाय की छोटी सी दुकान से अपना गुजारा कर रहे हैं। इसी से वे अपने घर का पालन पोषण कर रहे हैं। परमार ने बताया कि उनकी माता जी समूह से पैसा उठाती है सीहोर के कुछ समाजसेवी लोग इनका सपोर्ट करते हैं। कोरोनावायरस से उन लोगों को भी हाथ खींचने पर मजबूर कर दिया है।
बता दें कि खिलाड़ी कपिल परमार को पैरा ओलंपिक क्वालीफाई राउंड के लिए उज़्बेकिस्तान जाना है। ग्रैंड प्रिक्स बाकू 2021 पैरा ओलंपिक क्वालीफाई राउंड के लिए कपिल परमार क्वालीफायर हैं। 1 लाख 97 हाजार जाने का खर्च है। वहीं जूडो के 60 किलोग्राम वर्ग में वे लगातार प्रथम स्थान पर रहे हैं। और उनको उम्मीद है कि आगामी 60 दिनों बाद होने वाले ओलिंपिक में वह देश के लिए शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए मेडल हासिल करेंगे। उन्होंने बताया कि अप्रैल में वह उज्बेकिस्तान में होने वाली प्रतियोगिता में शामिल होने जा रहे हैं। कपिल ने गत दिनों लखनऊ में आयोजित हुए सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप में हरियाणा के खिलाड़ी को पलक झपकते ही हरा कर जीत हासिल कर 60 किलोग्राम पुरुष वर्ग में ओलिंपिक के लिए क्वालिफाइ किया है।
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दिन रात के कठिन अभ्यास के साथ ही यह उनका सीनियर में चौथा गोल्ड है। गौरतलब है कि कपिल ने देश के साथ ही विदेश में भी सीहोर को नई पहचान दी है। गत वर्ष कपिल ने इंग्लैंड में आयोजित पैरा जूडो कॉमनवेल्थ गेम्स में साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी को हराकर गोल्ड मेडल हासिल किया था। इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में उनका चयन 60 किग्रा वर्ग में हुआ था, जिसमें उनका पहला मैच इंग्लैंड से हुआ था। दूसरा उज्बेकिस्तान और तीसरा मुकाबला इंडिया के साथ ही हुआ, जिसमें भी वह विजयी रहे। आखिरी फाइनल मुकाबला साउथ अफ्रीका के साथ हुआ। कपिल ने बताया कि दोनों के बीच कांटे की टक्कर रही। लेकिन अंत में उन्होंने साउथ अफ्रीका को हराकर देश के लिए गोल्ड मेडल हांसिल किया।