बिजली की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने दिया धरना, अधिकारियों ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

Gaurav Sharma
Published on -

शहडोल,अखिलेश मिश्रा। लंबे समय से बिजली की समस्या को लेकर परेशान ग्रामीणों ने आज शहडोल के विद्युत कार्यालय में पहुंचकर धरना दिया है। ग्राम मदाईन टोला मुंगवानी के लगभग 2 दर्जन से अधिक ग्रामीण एकत्रित होकर विद्युत विभाग के कार्यालय पहुंचे और धरना दिया। ग्रामीणों की मांग है कि ग्राम मदाइन टोला में एक विद्युत ट्रांसफार्मर खेत में और एक ट्रांसफार्मर बस्ती में लगा था, जो खेत वाला ट्रांसफार्मर था वह जलकर खाक हो गया एवं बस्ती में लगा ट्रांसफार्मर भी जलकर खाक हो गया है।

खेत में लगे ट्रांसफार्मर के जलने से लगभग 2 दर्जन से अधिक किसान ग्रामीणों को परेशानी हो रही है, लोग अपना अपना खेत को बंजार होते नहीं देखना चाहते और बिजली ना होने की वजह से खेत में सिंचाई नहीं हो पा रही है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है और आगे भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि इसकी सूचना जेई को दी गई लेकिन कार्रवाई के नाम पर दिखावा ही रह गया है।

वही ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए ग्राम के प्रतिष्ठित अमृत लाल जायसवाल ने ग्रामीणों को लेकर विद्युत कार्यालय पहुंचे, जहां उनकी समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया और उन्हें जल्द से जल्द कार्रवाई करने की बात कही गई है।
किसानों में मुख्य रूप से शिवनंदन सतीश गुप्ता, रमाकांत लोनी, चंद्रशेखर लोनी, विनीत कुशवाहा , दादूराम लोनीक देवदत्त कुशवाहा, गिरजा लोनी, शंकर लोनी के अलावा अनेकों किसान ने विद्युत कार्यालय पहुंचकर अपनी समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News