Shivpuri : अव्यवस्थाओं पर भड़के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, डीई की फोन पर ली क्लास

Pooja Khodani
Published on -
प्रद्युम्न सिंह तोमर

शिवपुरी, मोनू प्रधान। ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) समर्थक और शिवराज सरकार ( Shivraj government ) में ऊर्जा मंत्री (Energy Minister) प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) अपनी कार्यशैली को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं। ऐसा ही वाक्या  आज सोमवार को तब घटित हुआ जब मंत्री शिवपुरी (Shivpuri) के खरैह माड़ा से निकले। यहां से निकलते समय 132 केव्ही सब स्टेशन पर रुक गए और व्यवस्थाओ का निरीक्षण किया। इस दौरान बिजली (Electricity) की बार-बार ट्रिपिंग व न्य अवस्थाओं को लेकर को लेकर मंत्री तोमर खफा दिखे और डीई (DE) को फोन (Phone) लगा दिया।

यह भी पढ़े… दादरा एवं नगर हवेली : लोकसभा सांसद की संदिग्ध अवस्था मे मौत, होटल में मिला शव

फोन पर मंत्री ने कहा कि खरैह सब स्टेशन पर काफी अव्यवस्था है । क्या आप कभी यहां निरीक्षण करने आते हैं। जिस पर डीई ने कहा कि यहां जेई निरीक्षण करने आते हैं। मंत्री ने कहा कि जेई तो 10 दिन से लापता है, जिस पर डीई ने कहा कि नहीं वह आते है तो मंत्री जी ने कहा कि वह खरैह सब स्टेशन पर ही खड़े हैं। यहां के ऑपरेटरों से बात हुई है कि 10 दिन से जेई नहीं आए । आप गलत जानकारी कैसे देते हो, आप कैसी मॉनिटरिंग करते है।

मंत्री ने डीई से कहा कि जब आप निरीक्षण करने आए तो एक रजिस्टर सब स्टेशन पर रखें और निरीक्षण की तारीख लिखें। जब डीई से संतोष जनक जबाव नहीं मिला तो मंत्री ने पूछा कि तुम्हारी नियुक्ति को कितने दिन हो गए हैं जिस पर डीई ने कहा कि चार साल। तब मंत्री बोले- बहुत लंबा टाइम हो गया है आपको और फिर पीए से एमडी को फोन लगाने को कहा।

MP Board : अप्रैल-मई में 9वीं से 12वीं की परीक्षाएं, छात्रों के लिए मुसीबत ना बन जाएं निकाय चुनाव

जब एमडी को फोन लगा तो मंत्री ने कहा कि डीई यहां की व्यवस्थाए सही से नहीं देख पा रहे हैं बहुत टाइम हो गया है आप जरा इन्हें देखिए और व्यवस्थाओं में सुधार करिए। इतना ही नहीं मंत्री ने प्रबंध संचालक सुनील तिवारी को संबंधित उप महाप्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई व सहायक यंत्री व कनिष्ठ अभियंता की एक-एक वेतन वृद्धि राकने के लिए निर्देशित किया।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News