शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। एक तरफ लॉकडाउन (lockdown) की मार, तो दूसरी तरफ भ्रष्टाचार की मार से गरीब परेशान है। इस भीषण महामारी की स्थिति में शासन द्वारा गरीबों और जरूरतमंदों को राहत देने के लिए राशन दुकानों पर पोस मशीन की अनिवार्यता हटाकर फ्री गेहूं देने की घोषणा की है। जिसमे सेल्समेन अधिकारियों से मिलकर जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। ताजा मामला शिवपुरी (Shivpuri) के खनियाधाना (Khaniadhana) के पास महरौली में शासकीय उचित मूल्य की दुकान का है। जहाँ सेल्समेन ने अधिकारियों सांठगांठ से 3 माह के राशन की कालाबाजारी कर दी है। अधिकारियों और सेल्समेन द्वारा गरीबों का राशन बेंचकर अपना पेट भर लिया।
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गौरतलब है कि शासकीय उचित मूल्य दुकान महरौली में पीडीएस के तहत गरीबों को वितरित किए जाने वाले गेंहू, चावल, शक्कर, नमक और नीले मिट्टी तेल को खुले बाजार में बेचा जा रहा है। जिसकी शिकायत खाद्य विभाग को कई महीने से मिल रही है। लेकिन शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे परेशान होकर आज ग्रामीणों ने खनियाधाना तहसील कार्यालय पहुंच ज्ञापन सौंपा। जिसके तत्काल बाद तहसीलदार ने संपूर्ण स्थिति समझ कर सेल्समेन को फटकार लगाई। सेल्समैन को राशन वितरण करने के निर्देश दिए और कहा अगर राशन वितरण में अब समस्या आई तो कार्रवाई करूंगा।
बता दें कि खनियाधाना क्षेत्र में लगातार हो रही राशन की कालाबाजारी से स्पष्ट हो रहा है कि कई विभागीय अधिकारी की इस में मिलीभगत हुई है। क्योंकि कई बार ट्रेक्टर, ट्राली, राशन भरकर खरीदी केंद्र पर पहुंच जाता है। विक्रय के लिए कभी कई रास्ते पकड़ा जाता है। लेकिन कभी जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई के लिए अपना बड़ा कदम नहीं उठा पाते हैं। जिससे राशन माफियाओं के हौसले बुलंद है। राशन माफियाओं कहना है कि हमारे हर अधिकारी कमीशन सेट है हम अकेले नहीं खाते सभी लोगों को खिलाते हैं।
ग्रामीण बोले सैकड़ों क्विंटल गेहूं खरीदी केंद्र पर बेचा
ग्राम महरौली से खनियाधाना तहसील कार्यालय में आवेदन देने आए ग्रामीणों ने कहा कि सेल्समैन द्वारा हितग्राहियों से अभद्रता की जाती है। विरोध करने पर गाली गलौज की जाती है। शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। अधिकारी कई बार दुकान पर जाते हैं और मामला रफा-दफा कर के आ जाते हैं। सेल्समैन अपने घर भी सैकड़ों बोरी राशन रखा हुआ है। जिसकी कालाबाजारी करने के चक्कर में और सैकड़ों क्विंटल गेहूं की खरीदी केंद्रों पर ठिकाने लगा दिया है।
फूड इंस्पेक्टर नहीं उठाते फोन
वही इस मामले में फूड इंस्पेक्टर (food inspector) से बात की जाती है। तो वह कहते है कि मैं जांच करा लूंगा। लेकिन समझ में नहीं आता यह जांच कब पूरी होगी ? जांच का विषय तो यह है कि इतनी बड़ी राशन की कालाबाजारी इस समय खनियाधाना क्षेत्र में किसके शय पर हो रही है।