सिंगरौली,राघवेन्द्र सिंह गहरवार। केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा द्वारा केंद्र की मोदी सरकार की विभिन्न नीतियों व योजनाओं के विरोध में महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सिंगरौली जिला कलेक्टर दिया गया। माजन मोड़ से हजारों की संख्या में संयुक्त मोर्चे के बैनर तले मजदूरों व बेरोजगारों ने पैदल मार्च करते हुए, इंकलाबी नारों के साथ सिंगरौली जिला कलेक्टर के कार्यालय की ओर बढ़ रहे थे। जिला कलेक्टर कार्यालय के गेट पर प्रदर्शनकारियों को रोक कर तहसीलदार जितेंद्र वर्मा ने ज्ञापन स्वीकार किया।
केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के राष्ट्रीय संयुक्त मंच ने 31 अगस्त को हुई अपनी बैठक में फैसला लिया था कि यदि मोदी सरकार द्वारा जारी राष्ट्रविरोधी नीतियों जैसे निजीकरण, वेतन कटौती, बेरोजगारी, महंगाई भत्ता, समयपूर्व रिटायरमेंट, कृषि संकट आदि पर पुनर्विचार व सुधार नहीं किया जाएगा तो 23 सितंबर को पूरे देश में विरोध मार्च किया जाएगा और 28 सितंबर को सार्वजनिक उपक्रमों का राष्ट्रीय कन्वेंशन आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही आगामी 12 अक्टूबर को रक्षा क्षेत्र में अनिश्चित कालीन हड़ताल का आह्वान किए जाने का निर्णय लिया गया था।
इसी क्रम में सिंगरौली में संयुक्त मोर्चा द्वारा जिला कलेक्टर के माध्यम से मोदी सरकार की नीतियों के विरोध में महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन सौंपने जाते भीड़ को जिला कलेक्टर कार्यालय के प्रवेश द्वार पर प्रशासन द्वारा रोक दिया गया तो विभिन्न ट्रेड यूनियनों के नेताओ द्वारा भीड़ को संबोधित किया गया। जिसमें मुख्य रूप से एटक से अशोक दुबे, सीटू से अशोक धारी, मजदूर नेता संजय नामदेव,युथ फेडरेशन जिला अध्यक्ष युवा नेता अरुण पाण्डेय,सीपीआई नेता राजकुमार शर्मा, इंटक से वीरेंद्र सिंह बिष्ट,पुष्पराज सिंह व एचएमएस से एमजी अग्निहोत्री आदि ने संबोधन करते हुए कहा कि कोरोना संकट की आड़ में श्रम कानूनों से खिलवाड़ करना बंद करो। सभी वर्ग की जनता को राहत दो और बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराओ। कोविड महामारी के दौर में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा की समीक्षा हो और सभी को निशुल्क स्वास्थ्य सेवा बहाल हो। निजीकरण बंद हो और निजी क्षेत्र में आरक्षण नीति लागू हो। सिंगरौली जिले के स्थानीय युवाओं को स्थानीय कंपनियों में रोजगार की नीति बने। श्रमिक नेताओ के मोदी सरकार को चेताया कि यदि सभी मांगो पर विचार नहीं किया जाएगा तो केंद्र सरकार की चुलें हिल जाएगी। मजदूरों हल्ला बोल दिया है।