ग्वालियर,अतुल सक्सेना। संगीत सम्राट तानसेन (Sangeet Samrat Tansen) की याद में हर साल आयोजित होने वाले भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित संगीत समारोह “तानसेन समारोह”(Tansen Samaroh)अपने अंतिम दौर में पहुंच गई हैं। समारोह में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों के नाम तय हो चुके हैं। तानसेन संगीत समारोह संगीत की नगरी ग्वालियर में 26 से 30 दिसम्बर तक आयोजित होगा। समारोह में देश एवं विदेश से आ रहे ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक गान मनीषी संगीत सम्राट तानसेन को स्वरांजलि अर्पित करेंगे।
मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग (Culture Department) के लिये उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी (Ustad Alauddin Khan Academy of Music and Arts) द्वारा हर साल आयोजित किये जाने वाले तानसेन संगीत समारोह में कोरोना (Corona) का असर दिखाई दे रहा है। कोरोना के चलते इसमें कई बदलाव किये गए हैं। इस बार तानसेन अलंकरण को रद्द कर दिया गया है। साथ ही कुछ अन्य कार्यक्रमों में भी बदलाव किया गया है। कोरोना को देखते हुए संगीत सभाओं के समय में बदलाव किया गया है। इस बार के समारोह में कुल 8 संगीत सभायें होंगी। पहली 7 संगीत सभायें संगीत सम्राट तानसेन की समाधि एवं मोहम्मद गौस के मकबरा परिसर में भव्य एवं आकर्षक मंच पर सजेंगी। समारोह की आठवी एवं अंतिम सभा संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट में झिलमिल नदी के किनारे सजेगी। तानसेन समारोह की प्रात:कालीन संगीत सभाएं प्रात: 10 बजे और सायंकालीन सभाएं अपरान्ह 4 बजे शुरू होंगीं। इस बार के संगीत समारोह में भी गत वर्ष की भांति विश्व संगीत को भी शामिल किया गया है। समारोह में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विदेशी संगीत साधक प्रस्तुतियाँ देंगे।
हरिकथा व मीलाद गायन से होगा पारम्परिक शुभारंभ
गान महर्षि तानसेन की स्मृति में आयोजित होने वाले “तानसेन समारोह” के अपने अलग ही रंग हैं । समारोह के शुभारंभ दिवस को प्रात: काल में तानसेन की समाधि पर सामाजिक समरसता के सजीव दर्शन होते हैं । इस बार भी 26 दिसम्बर को प्रात: काल पारंपरिक रूप से हरिकथा व मीलाद गायन, शहनाई वादन और चादरपोशी के साथ “तानसेन समारोह” का पारंपरिक शुभारंभ होगा।
ऐसा होगा संगीत सभाओं का कार्यक्रम
26 दिसम्बर को शाम चार बजे संगीत समारोह का शुभारंभ समाधि स्थल हजीरा पर होगा। शुरुआत माधव संगीत महाविद्यालय के शिक्षक और छात्राओं के ध्रुपद गायन से होगा इसके बाद देवकी पंडित का गायन होगा। संजय कुमार मलिक ध्रुपद गायन प्रस्तुत करेंगे। सभा का समापन अभिषेक लहरी के सरोद वादन से होगा। 27 दिसम्बर दूसरी सभा प्रातः 10 बजे शंकर गंधर्व संगीत महाविद्यालय शिक्षक और छात्र छात्राओं के ध्रुपद गायन होगा। शहुरुआत अभय रूस्तम सोपोरी के संतूर वादन से होगा , उसके बाद मोहम्मद अमान खां का गायन होगा। अब्दुल मजीद खां एवं अब्दुल हमीद खां सारंगी पर जुगलबंदी करेंगे। सभा का समापन देवानंद यादव के ध्रुपद गायन से होगा।
27 दिसम्बर को तीसरी सभा अपरान्ह 4 बजे भारतीय संगीत महाविद्यालय के शिक्षकों छात्र छात्राओं के ध्रुपद गायन से होगा। डेनियल रावि रैंजेल मैक्सिको विश्व संगीत प्रस्तुत करेंगे। विवेक कर्महे का गायन होगा। इसके बाद पुष्पराज कोष्टि एवं भूषण कोष्टि सुरबहार पर जुगलबंदी करेंगे। धनंजय जोशी के गायन समापन होगा।
28 दिसम्बर को चौथी सभा प्रात: 10 बजे तानसेन संगीत महाविद्यालय के शिक्षक और छात्र छात्राओं के ध्रुपद गायन से होगा। कमल कामले वायोलिन की प्रस्तुति देंगे। श्रीकांत कुलकर्णी का बांसुरी वादन होगा। संजीव अभ्यंकर का गायन होगा। सभा का समापन पं. रामजीलाल शर्मा के पखावज वादन से होगा।
28 दिसम्बर को पांचवी सभा अपरान्ह 4 बजे ध्रुपद केन्द्र के ध्रुपद गायन से होगी। इसके बाद दारूष अलंजारी, हमता बागी, मैशम्म अलीनागियान, ईरान का विश्व संगीत होगा। प्रशांत एवं निशांत मलिक का ध्रुपद गायन होगा। सुनील पावगी का गिटार वादन होगा। गणेश मोहन एवं रूपक कुलकर्णी की सितार एवं बांसुरी पर जुगलबंदी से सभा समाप्त होगी।
29 दिसम्बर को छठवीं सभा प्रात: 10 बजे साधना संगीत महाविद्यालय शिक्षक और छात्र छात्राओं के ध्रुपद गायन से होगी। मधु भट्ट तैलंग का ध्रुपद गायन होगा। यश देवले का गायन होगा। सुगातो भादुडी का मैन्डोलिन वादन होगा। समापन का समापन वालम श्रीकुमार के गायन से होगा।
29 दिसम्बर को सातवीं सभा अपरान्ह 4 बजे राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र छात्राओं के ध्रुपद गायन से होगा। स्टीफन काय, यू.के. का विश्व संगीत होगा। साधना देशमुख मोहिते का गायन होगा। प्रो. पण्डित साहित्य कुमार नाहर का सितार वादन होगा और पण्डित राजन – साजन मिश्र का गायन होगा।
30 दिसम्बर को आठवीं सभा बेहट में प्रात: 10 बजे तानसेन संगीत कला केन्द्र के ध्रुपद गायन से होगा। शारदा नाथ मंदिर का ध्रुपद गायन। जगत नारायण शर्मा का पखावज वादन होगा। हेमांग कोल्हटकर का गायन होगा , सभा का समापन का समापन सोमबाला सातले कुमार के ध्रुपद गायन से होगा।