Amazon से पीड़ित परिवार का छलका दर्द, गृह मंत्री से लगाई गुहार, जांच की मांग

Atul Saxena
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इंदौर, आकाश धोलपुरे। मिनी मुंबई यानि इंदौर (Indore) में कुछ समय पहले इंटरनेट की काली दुनिया की सच्चाई सामने आई थी। इंदौर में 18 साल के युवक द्वारा amazon से ऑन लाइन जहर मंगवाकर अपनी जान दे दी थी जिसके बाद परिजन amazon कंपनी को जिम्मेदार मानकर हत्यारी कंपनी बता रहे हैं और मध्यप्रदेश के गृहमंत्री से गुहार लगा रहे हैं कि उनके बेटे की जैसे मौत हुई है वैसे किसी और के घर का चिराग न उजड़े इसके लिये वो कंपनी पर सख्त कार्रवाई करवाएं। पुलिस ने इस पूरे मामले में विधिक सहायता लेने का मन बना लिया है क्योंकि कंपनी द्वारा उलझन भरे जबाव पेश किए जा रहे हैं।

श्राद्ध पक्ष के इन दिनों में लोग अपने पूर्वजों को याद कर उनको तर्पण करते हैं लेकिन किसी परिवार का जवान बेटा दुनिया से रुखसत हो जाये तो उस परिवार पर क्या गुजर रही होगी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। दरअसल, घटना इंदौर के छत्रीपुरा थाना क्षेत्र के लोधा कालोनी की है जहां फ्रूट बेचकर गुजर बसर करने वाले परिवार के घर का चिराग ऑनलाइन कंपनी के द्वारा मुहैया कराए गए जहर का शिकार बन गया। अब हालात ये है कि 18 साल के नौजवान की दादी उस कमरे में अपने पोते की राह देखती है जिसमें उसने amazon द्वारा उपलब्ध कराया गया जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। वहीं बेटे को खो चुकी माँ का दर्द इन तस्वीरों से दिखता है जिसमें हर वक्त माँ की आंखे अपने बेटे को उस कातिल कमरे से निकलते देखना चाहती है। अपने जवान बेटे को खो चुकी माँ अंजू वर्मा हमेशा amazon कंपनी को कोसती है क्योंकि माँ का मानना है कि ऑनलाइन जहर देने वाली कंपनी ने ही उसके घर की खुशियां हमेशा -हमेशा के लिए छीन ली है। उधर बूढ़ी हो चुकी दादी भी आंखों में आंसू लिए श्राद्ध पक्ष में इस उम्मीद में रात – रात भर जागती है की कही से भी और कैसे भी उसके पोते की एक झलक उन्हें दिखाई दे जाये। आंखों से छलकता पानी ये बताने के लिए काफी है कि होनहार आदित्य उनका दिल अजीज पोता था।

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ये है पूरा मामला

ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी amazon द्वारा जहर बेचने का मामला उस वक्त सामने आया जब फ्रूट बेचकर घर की गुजर बसर करने वाले पिता रणजीत वर्मा को बेटे की मौत के बाद उसके मोबाइल और अन्य सामान से ये पता चला कि उसके बेटे के सुसाइड का माध्यम एक कंपनी बनी है। मृतक आदित्य ने घर में सुसाइड करने के लिए के लिये amazon से सल्फास के पाउडर के पैकेट मंगाए। पिता के मुताबिक 22 जुलाई 2021 को बेटे आदित्य वर्मा ने amazon ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी से सल्फास के चार पैकेट मंगवाये और 28 जुलाई को ऑर्डर की डिलेवरी आदित्य को घर पर की गई। इसके बाद 29 जुलाई को उन्हीं सल्फास पावडर के पैकेट में से बड़ी मात्रा में आदित्य ने अपने किराये के घर के एक कमरे में खा लिए। आदित्य के पिता की माने तो बेटे ने जहर कितना खाया ये तो नहिं पता लेकिन बचा हुआ एक पैकेट उनके पास अभी भी रखा है। जहर खाने के बाद जब घर वालों को पता चला कि आदित्य की हालत बिगड़ रही है तो इसे इलाज के लिए तुरंत चोइथराम हॉस्पिटल ले जाया गया जहां 30 जुलाई की सुबह डॉक्टर्स ने आदित्य को मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इधर, आदित्य के अंतिम संस्कार के बाद उसके परिजनों ने जब उसका मोबाइल खंगाला तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। दरअसल, आदित्य ने इसके पहले भी amazon से ही लिक्विड फार्मेट में जहर मंगवाया था लेकिन भुगतान न होने के कारण कंपनी ने ऑर्डर कैंसल कर दिया। इसके बाद 22 जुलाई को दूसरी कोशिश में सल्फास के पैकेट ऑर्डर किये गए जिनकी डिलेवरी और भुगतान के बाद आदित्य ने उसे खाकर अपनी जान दे दी।

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पिता ने पुलिस में की amazon के खिलाफ शिकायत 

वहीं इस मामले को लेकर पीड़ित पिता रणजीत वर्मा ने मौत की वजह amazon कंपनी को मानते हुए न सिर्फ छत्रीपुरा थाना, आई.जी. और डीआईजी को भी शिकायत की और कंपनी पर सख्त कार्रवाई की मांग की ताकि किसी और के परिवार का चिराग उनके घर के चिराग की तरह न बुझ पाए। अपने बेटे को खो चुके पिता रणजीत वर्मा की माने तो पुलिस तेजी से इस मामले में कार्रवाई करे तो amazon कंपनी द्वारा जहर बचने के गोरखधंधे का खुलासा हो सकता है। अब तक की पुलिस कार्रवाई में किसी नतीजे पर भी पहुंच पाने के चलते परिजन मान रहे है कि पुलिस कोई कार्रवाई नही कर रही है।

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पुलिस ने बनाया विधिक राय लेने का मन

मामले के जांच अधिकारी, एएसआई हरिद्वार गुजरभोज ने बताया कि लोधा कालोनी में रहने वाले 18 वर्षीय आदित्य को amazon ने सल्फास के चार पैकेट उपलब्ध कराए थे। इसके बाद द्वारा amazon के खिलाफ शिकायत की गई थी जिसमें पुलिस की जांच जारी है और amazon कंपनी ने बोला हम ट्रांसपोर्टर्स हैं और बीच के माध्यम है। amazon ने पुलिस को जबाव दिया कि महाराष्ट्र के पुणे के भाग्यश्री कृषि भंडार से हमने माल उठाया और सप्लाई किया। पुलिस की माने तो पुलिस भाग्यश्री कृषि भंडार से संपर्क कर मध्यप्रदेश में सप्लाई करने के लायसेंस की भी जांच करेगी। वही मध्यप्रदेश की इंदौर पुलिस ने इस अनूठे मामले में जांच के बाद विधिक राय लेने का भी मन बना लिया है क्योंकि ऐसा मामला पुलिस के सामने पहली बार आया है।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से पिता ने लगाई गुहार

ऑनलाइन जहर मंगवाकर उसे खाकर जान गंवाने वाले पिता रणजीत वर्मा श्राद्ध पक्ष में अपने बड़े बेटे को याद कर तर्पण करने के साथ ही उसके कपड़ों को निहारते और संवारते रहते हैं क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि उनका बेटे की मौत का इंसाफ उन्हें जरूर मिलेगा। ऐसे में पिता ने मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से गुहार लगाई है कि वो amazon कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे ताकि फिर किसी ओर के घर की रौनक न चली जाए और किसी का होनहार बेटा दुनिया से रुखसत न हो जाए। पिता ने गृहमंत्री से मांग की है उनके बेटे की मौत को 2 माह से ज्यादा का वक्त हो गया है और अब तक amazon पर कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया लिहाजा, उम्मीद है कि सरकार उन्हें इंसाफ दिलाएगी। दरअसल, इंदौर महाराणा प्रताप चौराहा महू नाका के करीब स्थित बस्ती लोधा कालोनी में रहने वाले परिवार को इस बात का इल्म है कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नही है लेकिन किसी और के बेटे को amazon सहित अन्य कोई ऑनलाइन कंपनी जहर न बेच पाए इसके लिए उन्हें इंसाफ की दरकार है। हालांकि, इस मामले के जांच अधिकारी एक काबिल पुलिस अधिकारी है जो मामले की तह तक जाकर दोषी को खोज निकालने के नाम पर मशहूर भी है बावजूद इसके परिवार प्रदेश ले गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से इसलिये अपील कर रहा है क्योंकि amazon एक इंटरनेशनल कंपनी है जो दबाव और प्रभाव बनाने में भी सक्षम है इसलिए पूरे मामले कि उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

फिलहाल, एक माँ, एक पिता, एक दादी और एक छोटा भाई अपने घर के अहम सदस्य की यादों को जेहन में बिठाकर इसी उम्मीद के साथ जी रहे है कि पुलिस और सरकार उन्हें इंसाफ दिलाएगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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