ग्वालियर, अतुल सक्सेना। प्रदेश के मुख्यमंत्री सिंह चौहान भूमाफिया और बाहुबलियों के खिलाफ हमेशा एक्शन मोड में हैं लेकिन उनके मातहतों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा। ताजा मामला ग्वालियर जिले का है जहाँ अधिकारियों ने एक IAS को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी तालाब की पार तोड़ कर सड़क बनवा दी। इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री तक की गई है ।
मामला ग्वालियर जिले के मुरार विकासखंड के रतवाई गांव का है, बताया जाता है कि इस क्षेत्र में सरकार में आला पद पर बैठे एक IAS अधिकारी की निजी जमीन स्थित है। आरोप है कि इस जमीन पर पहुंच मार्ग बनाने के लिए एसडीएम पुष्पा पुषाम ने नियमों को ताक पर रखकर वहां पर स्थित सरकारी तालाब की पार तोड़कर सड़क बनवा दी। सड़क बन जाने के बाद सड़क के दोनों और निजी जमीन पर अवैध रूप से प्लाट काटे जा रहे हैं। जमीन के एक ओर हाईटेंशन बिजली लाइन और दूसरी ओर विक्रांत कॉलेज की जमीन है।
जिला प्रशासन के इस कारनामे से सर्वे क्रमांक 600, 603, 602, 578, 64, 67, 68, 69, 70 ,71 ,72, 75, 76, 77, 656 की कुल लगभग 7 हेक्टेयर जमीन बेशकीमती हो गई है, साथ ही आसपास स्थित तीन कॉलेजों की जमीन की कीमतें भी अब आसमान छूने लगी हैं ।
दरअसल इस पूरी कार्रवाई के पीछे स्थानीय मंत्री का संरक्षण और आला IAS अधिकारी का दबाव बताया जाता है। सूत्र ये भी बताते हैं कि पूरे मामले में करोड़ों रुपए का लेन-देन भी हुआ है। हैरत की बात यह है कि मामला संज्ञान में आने के बाद भी आला अधिकारी आंखें बंद करके बैठे हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के साफ निर्देश हैं कि अवैध भू माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और अब तो इसे गैंगस्टर एक्ट में लाने तक की तैयारी है। इसके साथ ही जल की बूंद बूंद बचाने के लिए तालाबों का संरक्षण कितना महत्वपूर्ण है, यह सब जानते हैं। बावजूद इसके इस पूरे मामले में एसडीएम ने जिस तरह की कार्रवाई की है उसमें पूरे प्रशासन को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है। अब इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री तक की गई है।
इस पूरे मामले पर जब एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ ने एसडीएम पुष्पा पुषाम से बात की तो उनका कहना था कि उनके संज्ञान में ये मामला नहीं है वो क्षेत्र के नायब तहसीलदार महेश कुशवाह से पूछकर ही कुछ बता पाएंगी। बाद में एसडीएम ने फोन कर कहा कि नायब तहसीलदार का फोन नहीं उठ रहा हैं उन्हें मैसेज कर दिया गया है वे आपसे बात कर लेंगे। कुछ देर बार नायब तहसीलदार का फोन तो नहीं आया लेकिन पटवारी विजय शर्मा का फोन आया उन्होंने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को बताया कि जिस जगह की आप बात कर रहे हैं वहां कोई सरकारी तालाब नहीं है। अब जब सरकारी तालाब ही नहीं है तो पार को तोड़े जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
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पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....