जननी एक्सप्रेस के पहिये थमे, गर्भवती महिलाओं की परेशानी बढ़ी

Atul Saxena
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जबलपुर, संदीप कुमार।  डिपॉजिट मनी और नियमित भुगतान न होने की वजह से जबलपुर जिले में भी जननी एक्सप्रेस के पहिए जाम कर दिए गए और सभी जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस रानी दुर्गावती महिला अस्पताल कैंपस में खड़ी कर दी गई है, गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु को लाने के लिए जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस सुविधा प्रारंभ की गई थी और उसके लिए निजी कंपनी को ठेका दिया गया था। निजी कंपनी ने स्थानीय वेंडर्स से वाहन किराए पर लिए थे। बीते दिनों कंपनी का ठेका समाप्त होने के बाद से कंपनी ने अपने वेंडर्स को भुगतान करना बंद कर दिया।

कंपनी ने एम्बुलेंस  संचालकों की जमानत राशि को भी वापस लौटाने से इनकार कर दिया है,जिस वजह से जननी एक्सप्रेस के कर्मचारियों ने नाराज होकर काम बंद हड़ताल कर दी। जबलपुर में लगभग 18 जननी एक्सप्रेस अपनी सेवाएं दे रही हैं लेकिन अब जननी एक्सप्रेस सर्विस बंद कर दी गई है।

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जननी एक्सप्रेस में काम करने वाले कर्मचारियों का पिछले 2 माह से नियमित भुगतान ना मिलने और गारंटी मनी को वापस न देने की वजह से काम बंद कर दिया है।  इस दौरान जननी एक्सप्रेस के ड्राइवरों और मालिकों ने भुगतान न मिलने की एवज में जमकर नारेबाजी की और पूरी तरह से काम बंद कर दिया।

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इधर जननी एक्सप्रेस सेवा बंद होने की वजह से स्वास्थ्य विभाग के अमले ने शासकीय अस्पतालों की एंबुलेंस को तैनात कर दिया है हालांकि यह वैकल्पिक व्यवस्था लंबे समय तक नहीं चल सकेगी लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इमरजेंसी आने पर एंबुलेंस सेवा निशुल्क उपलब्ध है। इसके साथ ही जननी एक्सप्रेस के संचालकों और ठेका कंपनी के अधिकारियों के बीच बातचीत हो रही है जल्द ही कोई रास्ता निकल आएगा। जननी एक्सप्रेस सेवा के बंद होने से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक लाने का काम बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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