उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। महाकालेश्वर मंदिर (Mahakal Temple) में इन दिनों 15 सौ रुपए का टिकट लेकर गर्भगृह में दर्शन करने की बात पर श्रद्धालुओं द्वारा रोजाना हंगामा किया जा रहा है। इसी को देखते हुए अब इस टिकट का कोटा खत्म करने की बात कही जा रही है। अब सभी श्रद्धालु टिकट लेकर गर्भगृह में दर्शन कर सके ऐसी व्यवस्था बनाने पर विचार किया जा रहा है। इसी के साथ भस्म आरती के नियमों में भी बदलाव किया गया है।
महाकाल के आंगन को हाल ही में 800 करोड रुपए खर्च कर भव्य रूप से तैयार किया गया है। महाकाल लोक (Mahakal Lok) के दर्शन करने के लिए डेढ़ से 2 लाख श्रद्धालु रोज यहां आ रहे हैं। तमाम सुविधाओं के बीच भी यहां रोजाना हंगामा देखा जा रहा है। महाकाल दर्शन करने आने वाले बहुत से श्रद्धालु ऐसे होते हैं जो गर्भगृह में जाकर बाबा के दर्शन करना चाहते हैं। इन श्रद्धालुओं के लिए 1500 रुपए की रसीद लेकर दर्शन करने की व्यवस्था रखी गई है।
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पिछले कुछ दिनों से लगातार प्रोटोकॉल रसीद लेने आने वाले श्रद्धालु हंगामा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि उन्हें टिकट नहीं दिया जा रहा है और कर्मचारी कालाबाजारी करते हुए लोगों को अंदर बुलाकर टिकट दे रहे हैं। इन टिकटों की संख्या 580 है लेकिन श्रद्धालुओं को सिर्फ 280 ही मिल पाते हैं और अन्य 300 तक यहां के पुजारियों और पुरोहितों के लिए रख लिए जाते हैं। इसी के चलते यहां दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु नाराज दिखाई दे रहे हैं।
वहीं यह बात भी देखने में आती है कि गर्भगृह में जो श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं, वो वहां बैठकर फोटोग्राफी करने लगते हैं। जिसके चलते अब गर्भगृह में फोटो खींचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं जल्द ही 1500 रुपए की टिकट को अनलिमिटेड करने की बात भी कही जा रही है। ऐसे में टिकट लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन के तुरंत बाद बाहर निकाल दिया जाएगा ताकि अन्य श्रद्धालुओं को अच्छे से दर्शन हो सके।
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इसके अलावा आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम मंदिर पहुंची थी। यहां सर्वे के बाद टीम ने भस्म आरती के समय शिवलिंग को टू लेयर कपड़े से ढांके जाने का सुझाव दिया है। टीम ने कोटितीर्थ कुंड में स्थित जल की पीएच वैल्यू भी मेंटेन करने के निर्देश दिए हैं। टीम ने शिवलिंग की गोलाई और ऊंचाई नापने के साथ यहां चढ़ाई जाने वाली पूजन सामग्री के सैंपल भी लिए हैं। शिवलिंग क्षरण को रोके जाने के लिए कई सुझाव भी मंदिर समिति को दिए गए हैं। महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग क्षरण को लेकर हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए हैं जिसके बाद हर साल यहां ASI और GSI की टीम जांच करने के लिए पहुंचती है।