NEET Exam : उज्जैन में बड़ी लापरवाही, देरी से मिला प्रश्नपत्र, परीक्षा देने वाले छात्र चिंतित

Pooja Khodani
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उज्जैन, योगेश कुल्मी। देशभर में हुई मेडिकल प्रवेश के लिए नीट एग्जाम (NEET Exam) में उज्जैन (Ujjain) में बड़ी लापरवाही सामने आई है। विद्यार्थियों को निर्धारित समय से 15 मिनट विलंब से O M R शीट् दी गई, रविवार 13 सितंबर को दोपहर 2:00 बजे से 5:00 बजे तक 3 घंटे की अवधि में यह परीक्षा आयोजित की गई थी,  जिसमें पूरे देश के 16 लाख से अधिक मेडिकल के छात्र छात्राओं ने भाग लिया।

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कोरोना महामारी के चलते छात्र छात्राओं को 2 घंटे पूर्व केंद्रों पर बुलवाया गया था, छात्र-छात्राओं को जो O M R शीट् दी जाती है वह 10 मिनट पूर्व अर्थात 1:50 पर दी जानी थी लेकिन उज्जैन के देवास रोड स्थित परीक्षा केंद्र सव्यसांची विद्यापीठ केंद्र में O M R शीट् 15 मिनट देरी से दी गई विद्यार्थियों को यह शीट् 2:05 पर दी गई और ठीक शाम 5:00 बजे शीट् वापस ले ली गई अब अगर 15 मिनट देरी से शीट् दी गई थी तो शाम 5:15 बजे शीट् वापस लेना थी परीक्षा दे रहे छात्र-छात्राओं ने भी परीक्षा दिला रहे अध्यापकों से कहा और आपत्ति जताई लेकिन विद्यार्थियों की बात नहीं सुनी गई ऐसे में परीक्षार्थियों को परीक्षा देने के लिए 2 घंटे 45 मिनट का समय मिल पाया और 15 से 20 प्रश्न छूट गए उल्लेखनीय है कि नीट परीक्षा में 180 प्रश्न दिए जाते हैं जोकि 3 घंटे अर्थात 180 मिनट में यह प्रश्न हल करना होते हैं प्रति मिनट एक प्रश्न हल कर उत्तर लिखना होता है विभिन्न कोचिंग इंस्टिट्यूट प्रति मिनट के अनुसार तैयारी कराते हैं और परीक्षा में एक 1 मिनट का महत्व होता है ऐसे में सैकड़ों छात्र छात्राओं के साथ भविष्य में गंभीर मुश्किल हो सकती है परीक्षा केंद्र पर 15 मिनट का समय छात्र छात्राओं को नहीं दिया गया ऐसे में विद्यार्थी अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं। महत्वपूर्ण परीक्षा में O M R शीट् को लेकर उज्जैन के सव्यसांची केंद्र पर ही लापरवाही बरती गई देश के अन्य शहरों में हुई इस परीक्षा में 1:55 पर ही शीट् दी गई थी कोरोना काल के कारण बच्चे वैसे ही चिंतित हैं और परीक्षा केंद्र पर हुई इस बड़ी लापरवाही से बच्चे आने वाले समय में परीक्षा केंद्र की लापरवाही के चलते परेशान हैं ।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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