उज्जैन।
एमपी की सीटों पर काउंटिंग जारी है, इसी बीच कुछ सीटों के नतीजे सामने आ गए है। खरगोन के बाद बीजेपी ने बड़ी लीड के साथ उज्जैन लोकसभा सीट पर भी जीत हासिल कर ली है। यहां से बीजेपी प्रत्याशी अनिल फिरौजिया ने कांग्रेस के बाबू लाल मालवीय को हरा दिया है। अनिल फिरोजिया ने मालवीय को 364132 मतों से हराया है।हालांकि अभी आयोग की तरफ से अधिकारिक घोषणा होना बाकी है, लेकिन इससे पहले बाबूलाल मालवीय ने खुद ही हार स्वीकार कर ली है और वे मतगणना केन्द्र छोड़कर चले गए।वही बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और शहर के दोनों विधायकों ने यहां संभागीय कार्यालय पर पहुंचे एक दूसरे को बधाई दी है। उधर कांग्रेस के कार्यालय पर सन्नाटा पसरा हुआ है। इस बार उज्जैन संसदीय सीट पर कुल 74.93 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई।
इससे पहले 2014 में भाजपा ने यह सीट तीन लाख नौ हजार वोटों से जीती थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रो. चिंतामणि मालवीय ने कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू को मात दी थी। इस चुनाव में चिंतामणि को 6,41,101 वोट मिले थे और प्रेमचंद को 3,31,438 वोट मिले थे। दोनों के बीच जीत हार का अंतर 3,09,663 वोटों का था। वहीं बसपा उम्मीदवार रामप्रसाद 98 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थे।वर्तमान मे यहां से चिंतामणी मालवीय सांसद है जिनका टिकट काट बीजेपी ने विधानसभा में तराना सीट से हारे अनिल फिरौजिया को उम्मीदवार बनाया और उन्होंने पार्टी को निराश नही किया और करीब तीन लाख से ज्यादा वोटों से जीत दिलाई। हालांकि जीत हासिल करना इतना आसान नही था क्योंकि मैदान में कांग्रेस , सपा बसपा के अलावा भी दर्जनों प्रत्याशी ताल ठोक रहे थे, और भितघातियों का खतरा भी बना हुआ था, वही स्थानीय भी हावी थे बावाजूद इसके मोदी लहर के चलते जीत आसान हुई और परचम लहराया।जबकी दोनों ही पार्टियों ने इस लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार बदले थे।
आपको बता दे कि उज्जैन लोकसभा सीट पर अगर सबसे ज्यादा किसी उम्मीदवार ने जीत हासिल की है तो वह बीजेपी के सत्यनारायण जटिया हैं। उज्जैन लोकसभा सीट सत्यनारायण जटिया का गढ़ रही है। बीजेपी को यहां 7 चुनावों में जीत मिली है तो कांग्रेस को सिर्फ 4 बार ही यहां पर जीत हासिल करने में कामयाब रही है। उज्जैन लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 7 सीटें आती हैं. नगाड़ा-खचरौड़, घटिया, वडनगर, महीदपुर, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, अलोट, तराना यहां की विधानसभा सीटें हैं।यहां की 7 विधानसभा सीटों में 4 पर कांग्रेस और 3 पर बीजेपी का कब्जा है।