Ujjain News: वहीं उस टाइम टेबल में क्लासेस लगने और ऑफिस का समय एक ही समय पर होना सामने आया था। जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह माना है कि एक ही समय पर ऑफिस और नियमित क्लासेस कैसे लगाई जा सकती है। वहीं इसके अलावा भी एक और अधिकारी गोपनीय विभाग में पदस्थ होकर परीक्षा में भी शामिल हुए थे। जानकारी के अनुसार प्रशासन द्वारा एक प्रश्रपत्र हो जाने के बाद ही अधिकारी को गोपनीय विभाग से हटा दिया गया था।
दरअसल उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय की एलएलबी प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा चल रही थी जिसमें गोपनीय विभाग में पदस्थ सहायक कुलसचिव चैनराम पवांर इसके साथ ही ऑनलाइन विभाग के सहायक कुलसचिव गौरीशंकर बरार वहीं अध्ययनशाला में पदस्थ कर्मचारी संतोष भालसे इस परीक्षा में शामिल हुए थे। दरअसल एलएलबी के प्रथम सेमेस्टर में चार प्रश्नपत्र होते है।
वहीं विश्वविद्यालय द्वारा चारों प्रश्नपत्र कराए जा चुके थे। लेकिन इसके बाद जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने सांदीपनि विधि महाविद्यालय से टाईम टेबल की जानकारी मांगी तो इसमें सामने आया की एलएलबी की नियमित कक्षाएं संध्या 4.30 बजे से संचालित होती है। लेकिन अधिकारीयों का ऑफिस समय 5.30 बजे तक का होता है। वहीं इसके बाद कई सवाल उठे की ऐसे में अधिकारी व कर्मचारी नियमित क्लासेस कैसे अटैंड कर सकते है। हालांकि नियमों के तहत कुलसचिव डॉ. रविशंकर सोनवाल ने दोनो अधिकारी व एक कर्मचारी की परीक्षा निरस्त करने के आदेश 19 मार्च को ही जारी कर दिए है। मगर अब ऐसे में तीनों की परीक्षा निरस्त हो सकती है।
किस विषय पर उठे है सवाल?
अब इसको लेकर एक बड़ा सवाल उठ रहा है। दरअसल सवाल है की विश्वविद्यालय के गोपनीय विभाग मेें पदस्थ होने के कारण, वे अधिकारी कैसे किसी परीक्षा में शामिल हो सकते है। दरअसल नियम की तरफ देखा जाए तो नियम यह है कि इस विभाग में पदस्थ कर्मचारी के पारिवारिक सदस्य विश्वविद्यालय की परीक्षा में शामिल होते है तो उस कर्मचारी को भी सूचना देकर गोपनीय विभाग से हट जाते है। हालांकि मामले में खुलासा होने के बाद विश्वविद्यहालय प्रशासन द्वारा एआर पवांर को तत्काल ही गोपनीय विभाग से हटा दिया गया था।