अजब गजब:18 साल की बिटिया के 27 साल के पापा, CEO ने कर डाला 51000 का कन्यादान

Gaurav Sharma
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विदिशा, डेस्क रिपोर्ट। विदिशा जिले के सिरोंज जनपद पंचायत के सीईओ शोभित त्रिपाठी के खिलाफ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो यानि EOW ने FIR दर्ज कर ली है। त्रिपाठी पर कन्या विवाह योजना में 18 करोड रू से ज्यादा का गोलमाल करने का आरोप है। विधानसभा में इस मामले को बीजेपी विधायक ने जोर-शोर से उठाया था जिसके बाद सिरोंज जनपद पंचायत के सीईओ शोभित त्रिपाठी विवादों के घेरे में हैं।

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पिछले दिनों भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने विधानसभा में मामला उठाया था कि त्रिपाठी द्वारा विवाह सहायता योजना के तहत कोविड महामारी के दौरान अपात्र हितग्राहियों को करोड़ों रुपए वितरित कर दिए गए। जांच में पाया गया कि जब लॉकडाउन लगा था और सार्वजनिक शादियां प्रतिबंधित थी तब त्रिपाठी ने 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2021 के बीच लगभग 3500 हितग्राहियों को विवाह सहायता के नाम पर 18,52,32,000 रू की राशि वितरित कर दी थी। यह राशि भवन व अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के नाम पर वितरित की गई थी।

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EOW ने इस मामले में गोपनीय रूप से सत्यापन किया और पाया कि वर्ष 2019 के नवम्बर से नवम्बर 2021 के बीच 5923 विवाह प्रकरण स्वीकृत कर 30,18,39,000 करोड रू की राशि वितरित की गई जिसमें अधिकांश प्रकरण बोगस प्रवृत्ति के थे। इसमें एक ऐसा भी मामला पाया गया है जिसमें 27 साल के नवयुवक की बेटियों के विवाह के नाम पर तीन-तीन प्रकरण स्वीकृत कर दिए गए और प्रत्येक प्रकरण में 51-51 हजार रुपए की राशि दे दी गई। कई ऐसे व्यक्ति भी पाए गए जिन्होंने आवेदन ही नहीं किया था लेकिन उनके नाम सहायता राशि निकाल ली गई।

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जनपद पंचायत सिरोंज के सीईओ त्रिपाठी द्वारा स्वीकृत की गई विवाह सहायता प्रकरण विदिशा के अन्य जनपद पंचायतों की तुलना में 13 गुना ज्यादा थे। इतना ही नहीं, विवाह सहायता राशि वालों के बैंक खातों में ट्रांसफर न कर अन्य व्यक्तियों के खातों में डाली गई। EOW ने यह भी पाया कि इस मामले में विवाह प्रकरणों की जांच अशासकीय व्यक्तियों से कराई जा रही थी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब भी कर दिए गए। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा कलेक्टर को इस मामले को लेकर फटकार लगाई थी। EOW ने सीईओ सौरभ त्रिपाठी सहित कुछ अन्य अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी ,गबन व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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