विदिशा, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department ) ने विदिशा के शिक्षकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने 26 जनवरी 2001 के बाद तीसरी संतान वाले शिक्षकों 955 शिक्षकों को नोटिस जारी किया है।अभी तक सिर्फ 160 ने जवाब पेश किया है।इसमें नौकरी ज्वाइन करने के दौरान नियम ना होने, टीटी ऑपरेशन फेल होने और और किसी ने तीन बच्चे होने पर एक बच्चा स्वजनों को गोद देने का तर्क दिया गया है। इधर, इन जवाबों के सत्यापन के लिए डीईओ ने एक समिति गठित की है, जो तीन माह के अंदर अपनी रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करेगी। विभाग की इस कार्रवाई के बाद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।
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दरअसल, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र समेत मध्य प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू है। इसके तहत 26 जनवरी 2001 के बाद यदि किसी कर्मचारी को तीसरी संतान होती है तो उसकी सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी। ऐसे उम्मीदवार जिन्होंने सभी प्रकार की परीक्षा पास करके अपनी योग्यता प्रमाणित कर दी है, यदि तीन संतानों के माता-पिता हैं तो नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होंगे। यह नियम सिविल सेवा (सेवाओं की सामान्य स्थिति) के साथ ही यह नियम उच्चतर न्यायिक सेवाओं पर भी लागू होता है।
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26 जनवरी 2001 के बाद मप्र सरकार (MP Government) ने नियम लागू किया है कि शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों के यहां यदि तीसरी संतान हुई तो वह नौकरी के लिए अपात्र माने जाएंगे। विधानसभा में उठे प्रश्न के बाद जिला शिक्षा अधिकारी अतुल मोदगिल ने विदिशा जिले में ऐसे 955 शिक्षकों (MP Teachers) को कारण बताओ नोटिस थमाए हैं, उनसे 15 दिन में जवाब मांगा है।जिन शिक्षकों के जवाब संतोष जनक नहीं होंगे उनपर कार्रवाई के लिए शासन को भेजा जाएगा। यदि शासन अपने आदेश पर अमल करता है तो कई विभागों से हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर संकट आ जाएगा।