विदिशा/भोपाल।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर इशारों ही इशारों में जमकर निशाना साधा है। शिवराज ने कहा है कि मध्यप्रदेश में सीएम के साथ सुपर सीएम भी हैं। ढाई मुख्यमंत्रियों की सरकार है। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को कोई बाहरी व्यक्ति चला रहा है। सचमुच में यह संवैधानिक संकट है कि एक बाहर का व्यक्ति जो मंत्रिमंडल में नहीं है, वह मंत्रियों को डांट रहा है। यह सरकार अपने अंतर्विरोधों के कारण ही गिर जायेगी।बाहर के लोग सरकार के मंत्रियों को डांटते हैं।यह बात उन्होंने गुरुवार को विदिशा दौरे के दौरान कही।
दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने मंदसौर गोलीकांड और नर्मदा किनारे पौधरोपण के मामले में बाला बच्चन और उमंग सिंघार को शिवराज सरकार को क्लीनचिट देने पर जमकर लताड़ा था।जिसके बाद मंत्री भी खुलकर बयानबाजी करने लगे थे। वनमंत्री उमंग सिंघार ने तो दिग्विजय को चिट्ठी लिख उनके बयान पर आपत्ति तक जताई दी थी।उन्होंने कहा था कि वे पहले उनके बयान को पढ़ लेते उसके बाद मीडिया में बयान देते और उनके बेटे मंत्री जयवर्धन सिंह ने भी सिंहस्थ घोटाले में क्लीनचिट दी है आपने उनको को कुछ नही कहा। इस पर सिंह ने कहा था क सही जवाब नहीं देने पर उन्होंने अपने बेटे जयवर्धन को भी डांटा है। अभी मामला कांग्रेस में ही था कि अब विपक्ष भी इसको लेकर सवाल पर सवाल खड़े कर रहा है। विपक्ष मंत्रियों को फेवर में बयानबाजी कर रहा है। अब शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय पर हमला बोलते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को कोई बाहरी व्यक्ति चला रहा है। बाहर के लोग सरकार के मंत्रियों को डांटते हैं।सचमुच में यह संवैधानिक संकट है कि एक बाहर का व्यक्ति जो मंत्रिमंडल में नहीं है, वह मंत्रियों को डांट रहा है। यह सरकार अपने अंतर्विरोधों के कारण ही गिर जायेगी।बाहर के लोग सरकार के मंत्रियों को डांटते हैं। प्रदेश की कमलनाथ सरकार को एक सुपर सीएम भी काम कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार में सीएम के साथ ढाई सीएम भी हैं।
शिवराज यही नही रुके उन्होंने आगे कहा कि बड़ा अचरज होता है कि मंत्रियों को वो शख्स डांट रहा है जो किसी संवैधानिक पद पर नहीं है।मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार को दो माह हो गए, लेकिन पूत के पांव पालने में ही दिखने लगे हैं। यह सरकार जल्द ही गिर जाएगी। इसे हम नहीं गिराएंगे यह अंतर्विरोध के कारण खुद ही गिर जाएगी। क्योंकि कांग्रेस के ही 25 विधायक अपनी ही सरकार और उसके मत्रियों से नाराज चल रहे हैं। वे एक जुट भी हो गए हैं।
पैसा ही नही तो कैसा होगा कर्जा माफ
शिवराज ने कर्जमाफी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि किसानों के कर्ज दस दिनों में माफ न कर पाने पर सीएम बदलने की बात कही गई थी, इस लिहाज से तो अब तक छह सीएम बदल जाने चाहिए थे। कर्ज माफी की घोषणा है पर करेगे कहां से यह पता नही है। सहकारी समितियों को दबाकर बैंकों से नो ड्यूज दिलाया जा रहा है। प्रदेश सरकार के पास किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पैसा ही नहीं है। राहुल गांधी ने कहा था कि 10 दिन में कर्ज माफी नहीं होने पर मुख्यमंत्री बदल देंगे। 10 दिन के 60 दिन हो गये,अब तक 6 सीएम बदल गये होते। सरकार केवल ट्रांसफर करने में लगी है, विकास के सारे काम ठप्प पड़े हैं।इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकारें आती रहती हैं, जाती रहती हैं, लेकिन जनता की सेवा का यज्ञ सदैव जारी रहना चाहिए। मैंने वल्लभ भवन का शानदार भवन बनाया और उसका लोकार्पण कमलनाथ जी ने किया। यही तो लोकतंत्र की खूबसूरती है।