दमोह/बटियागढ़, गणेश अग्रवाल। स्वास्थ्य विभाग (health department) कोरोना (corona) के प्रति कितना सजग और मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर कितना संवेदनहीन है, इसका नजारा दमोह (Damoh) जिले के बटियागढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में देखने को मिला, जहां नसबंदी के लिए आई महिलाओं को आपरेशन के बाद स्ट्रेचर (Stretcher) तक नसीब नहीं हुआ। महिलाओं को उनके परिजन अपनी गोद में उठाकर ले जाते हुए नजर आए।
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सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के चाहे कितने भी दावे किए जाएं। लेकिन, हर बार जो तस्वीरें आती हैं, वह वास्तविकता को बयान कर ही देती हैं। कई तस्वीरें तो ऐसी हैं, जो बार-बार सामने आती हैं, उसके बावजूद भी स्वास्थ्य महकमा इनको बदलने की कोशिश नहीं कर पा रहा है। दमोह जिले के बटियागढ़ में भी स्वास्थ्य सुविधाओं को तार-तार करने वाली कुछ ऐसे ही तस्वीरें सामने आई हैं। जहां जनसंख्या नियंत्रण (Population control) के लिहाज से आयोजित होने वाले नसबंदी शिविर (Sterilization camp) किस ढर्रे में चल रहे हैं, इसकी बानगी तस्वीरों में आसानी से देखी जा सकती है।
दमोह : ऑपरेशन के बाद महिलाओं को नसीब नहीं हुआ स्ट्रेचर, गोद में उठाकर ले जाते आए नजर परिजन@DrPRChoudhary @VishvasSarang@pcsharmainc @jitupatwari @BJP4MP @INCMP @drnarottammisrahttps://t.co/f9uJ73xuMX pic.twitter.com/oWu7PcJtXT
— MP Breaking News (@mpbreakingnews) December 15, 2020
परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अनेक प्रकार की सुविधाएं दी जा रहीं हैं। इनके संचालन की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग पर है, लेकिन जिम्मेदार शासन की मंशा को पलीता लगा रहे हैं। शिविर में कोरोना संक्रमण होने के खतरे का भी ध्यान नहीं रखा गया। महिलाओं को ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकालने के लिए स्ट्रेचर ही नहीं दिया गया। इसके साथ ही वहां पर महामारी से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं कराया जा रहा और न ही मुंह पर मास्क लगाने के लिए प्रेरित किया गया। सबसे बड़ी बात ये है कि ऑपरेशन कराने आयी महिलाओं के पास कुत्ते और मवेशी भी घूमते नजर आए, जिससे मरीजों को काफी परेशानी हुई।