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Mon, Dec 8, 2025

ट्रंप का फर्जी आधार कार्ड; शरद पवार के पोते रोहित पर FIR, भाजपा ने बताया राष्ट्रीय खतरा

Written by:Mini Pandey
भाजपा ने रोहित पवार, वेबसाइट डेवलपर और अन्य संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज कराते हुए कहा कि यह कदम नागरिकों को गुमराह करने वाला है, आधिकारिक संस्थानों पर विश्वास कम करेगा और समाज में कलह फैला सकता है।
ट्रंप का फर्जी आधार कार्ड; शरद पवार के पोते रोहित पर FIR, भाजपा ने बताया राष्ट्रीय खतरा

मुंबई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर फर्जी आधार कार्ड बनाए जाने का मामला सामने आया है, जिसमें शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक रोहित पवार का नाम प्रमुखता से जुड़ा है। रोहित ने दावा किया कि यह सब आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया में हो रहे फर्जीवाड़े का खुलासा करने के लिए एक प्रयोग मात्र था। 16 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने फर्जी वेबसाइट और दस्तावेजों के जरिए ट्रंप का आधार कार्ड बनाकर इसे सार्वजनिक किया था। हालांकि, भाजपा की शिकायत पर मुंबई के दक्षिण साइबर पुलिस थाने में उनके खिलाफ FIR दर्ज हो गई है।

भाजपा ने रोहित पवार, वेबसाइट डेवलपर और अन्य संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज कराते हुए कहा कि यह कदम नागरिकों को गुमराह करने वाला है, आधिकारिक संस्थानों पर विश्वास कम करेगा और समाज में कलह फैला सकता है। पार्टी पदाधिकारी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, जिसमें फर्जी कार्ड बनाने की तकनीक और इसमें शामिल लोगों का पता लगाया जा रहा है।

फर्जी आधार से फर्जी वोटर आईडी क्यों

रोहित पवार ने पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच वोट चोरी व मतदाता हेरफेर के आरोपों को साबित करने के लिए यह प्रयोग किया था। एनसीपी  ने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि 2019 से 2024 के बीच महाराष्ट्र में औसतन 6.5 लाख नए मतदाता जुड़े, लेकिन 2024 लोकसभा और आगामी विधानसभा चुनाव के बीच मात्र छह महीनों में 48 लाख नए मतदाता जोड़े गए। रोहित का कहना है कि इसी तरह फर्जी आधार से फर्जी वोटर आईडी बनाई जा रही हैं।

फर्जीवाड़े का किया भंडाफोड़

एफआईआर पर सफाई देते हुए रोहित ने कहा, “मैंने सिर्फ सिस्टम की खामियों को उजागर किया है। किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया, बल्कि फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया। यह बिना वजह का केस है।” मुंबई पुलिस आगे की कार्रवाई के लिए जांच जारी रखे हुए है, जिसमें वेबसाइट डेवलपर की भूमिका भी जांचा जा रहा है। यह मामला महाराष्ट्र की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर सकता है।