लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर भ्रष्ट शासकीय सेवकों को लगातार रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ रही है, कल ग्वालियर नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ प्रभारी कार्यालय अधीक्षक राजेश सक्सेना को महिला सफाई संरक्षक से 25000/- रुपये रिश्वत लेते पकड़ा था वहीं आज एक बार फिर शासकीय सेवक रंगे हाथ पकड़ा है लेकिन इस बार मामला अलग है , इस बार कर्मचारी ने अपने ही बॉस से रिश्वत की मांग कर दी।
मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों पर रिश्वतखोरी इतनी हावी हो चुकी है कि वे अब अपने बॉस रहे व्यक्ति को भी नहीं छोड़ रहे, ताजा मामला जनपद पंचायत पोरसा जिला मुरैना में पदस्थ एक क्लर्क का है जिसे लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर की टीम ने उसके सेवानिवृत बॉस से 20000/- रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर एसपी निरंजन शर्मा से मिली जानकारी के मुताबिक भिंड जिले के निवासी तेजनारायण सिंह ने एक शिकायती आवेदन उनके कार्यालय में दिया था जिसमें उन्होंने जनपद पंचायत पोरसा जिला मुरैना में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 सतीश गोले पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाये थे।
रिटायर सहायक लेखाअधिकारी से क्लर्क ने ली रिश्वत
62 वर्षीय तेजनारायण सिंह ने आवेदन में बताया कि वो जनपद पंचायत पोरसा जिला मुरैना से सहायक लेखाअधिकारी के पद से सेवानिवृत हुए हैं यहाँ उनके अर्जितअवकाश (EL) की राशि 8 लाख 83 हजार रुपये मिलना शेष है लेकिन यहाँ पदस्थ क्लर्क सतीश गोले उस राशि को जारी नहीं कर रहा और 20000/- रुपये रिश्वत मांग रहा है।
क्लर्क ने रिश्वत लेकर बॉस को कार्यालय बुलाया
शिकायती आवेदन मिलने के बाद उसका सत्यापन कराया गया जिसमें रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि हो गई, क्लर्क सतीश गोले ने अपने रिटायर्ड बॉस को रिश्वत की राशि 20,000/- रुपए लेकर कार्यालय जनपद पंचायत पोरसा कार्यालय बुलाया। ग्वालियर एसपी के निर्देश पर ट्रैप प्लान की गई और आज 9 अक्टूबर को ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस की टीम जनपद पंचायत पोरसा ऑफिस पहुंची।
रिश्वत की राशि हाथ में आते ही गिरफ्तार
जनपद पंचायत पोरसा कार्यालय पहुँचने के बाद शिकायतकर्ता तेजनारायण सिंह ने जैसे ही रिश्वत की राशि 20,000/- रुपये क्लर्क सतीश गोले को दी ऑफिस के बाहर पहले से तैयार लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर की टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया और रिश्वत की राशि बरामद कर ली।





