भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| उपचुनाव (Byelection) के लिए जारी जोर आजमाइश के अंतिम दौर में भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) में जुबानी जंग तीखी हो गई है| पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) ने केंद्रीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वहीं चुनाव आयोग (Election Commission) के फैसले पर सवाल उठाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) पर निशाना साधा है|
सीएम शिवराज सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा, कमलनाथ का अहंकार नहीं जा रहा, कमलनाथ न राहुल गांधी की मानते हैं और न चुनाव आयोग की। उनकी नजर में सभी गलत हैं। यही अहंकार व्यक्ति को नीचे ले जाता है। कमलनाथ जी की नज़रों में उनके शीर्ष नेता राहुल गांधी गलत हैं, उन्हें कोई समझा देता है| सभी अधिकारी और कर्मचारी भी गलत हैं तो सही कौन है| वो अधिकारियों को धमकाने वाली भाषा में बात करते हैं, देखलूँगा, निपटलूँगा, कर्मचारियों और अधिकारियों का भी आत्मसम्मान होता है|
कमलनाथ को सत्ता जाने का दर्द
शिवराज ने कहा संवैधानिक संस्था पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस को लज्जा नहीं आती| कमलनाथ को इस बात का दर्द है कि उनके हाथों से सत्ता चली गई। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के सवाल पर शिवराज सिंह ने कहा कि जनता का समर्थन, जनता का विश्वास और जनता का प्यार भारतीय जनता पार्टी के पास है। अभी भी भाजपा की सरकार है और आगे भी रहेगी।
चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस
इधर, चुनाव आयोग के स्टार प्रचारक का दर्जा वापस लेने के बाद भी शनिवार को कमलनाथ चुनावी दौरे पर रहे| बीजेपी ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है| वहीं कमलनाथ का कहना है कि उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक नहीं लगी है। मैंने कई चुनाव लड़े और लड़वाये हैं। कांग्रेस चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि चुनाव आयोग की कार्रवाई अलोकतांत्रिक है। आयोग ने बिना नोटिस दिए कमलनाथ को स्टार प्रचारक की सूची से अलग कर दिया। अब हमारी लड़ाई लोकतंत्र की रक्षा के लिए है।