अशोकनगर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya pardesh) की 28 विधानसभा सीटों (28 assembly seats) पर 3 नवंबर को मतदान होना है। इससे पहले भी पार्टियों के बीच दल-बदलने का सिलसिला जारी है। बीजेपी (BJP) द्वारा लगातार कहा जा रहा है कि कई कांग्रेसी विधायक (Congress Mla) अब भी उसके संपर्क में है। इसी बीच अब कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सचिन यादव (Sachin yadav) ने भी बड़ा खुलासा किया है। कांग्रेस प्रत्याशी आशा दोहरे (Congress candidate Asha Dohre) के समर्थन में अशोकनगर (Ashoknagar) वोट मांगने पहुंचे। जहाँ पूर्व मंत्री सचिन यादव ने कहा है कि कई बीजेपी के विधायक कांग्रेस के संपर्क में है। जिसके बाद सियासत में हलचल मचना तय है।
दरअसल मध्य प्रदेश में एक दूसरे की पार्टी में सेंधमारी जारी है। गुरुवार को कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सचिन यादव अशोकनगर में थे। जहां उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी आशा दोहरे के समर्थन में वोट मांगे इसके साथ ही साथ यादव समाज को संबोधित करते हुए सचिन यादव ने बीजेपी के शासन काल पर कई आरोप लगाते हुए कांग्रेस के पक्ष में वोट देने की अपील की। इसके साथ ही साथ पत्रकार से बात करते हुए पूर्व मंत्री कुछ ऐसा कह गए। जिससे बीजेपी में सियासी गतिविधियां भी तेज हो गई है। सचिन यादव ने कहा कि राजनीतिक दल दल-बदल की राजनीति कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी के कई विधायक भी हमारे संपर्क में है और इस उपचुनाव के बाद जल्द ही वह हमारा साथ ही देंगे। सचिन यादव के इस बयान के बाद से बीजेपी का हरकत में आना स्वाभाविक है।
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बता दें कि विधानसभा की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव (By-election) से ठीक पहले कांग्रेस के लोगों का टूटना भी जारी है। दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी (Rahul lodhi) के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के प्रदेश पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह (Sanjay singh) ने भी अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी का दामन थाम लिया था। ऐसे में पूर्व मंत्री की तरफ से किए गए दावे कई तरह के सियासी मायने भी निकल रहे है।
वहीं दूसरी तरफ 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी को सरकार में बने रहने के लिए महज 8 सीटों की जरूरत है जबकि कांग्रेस को अपने सभी सीट जीतने होंगे। वहीं इस बार पार्टियों के लिए मतदाता का मौन होना काफी बड़ा संकट खड़ा कर रहा है। अब 3 नवंबर को वोटिंग के बाद 10 नवंबर को आने वाली परिणाम शिवराज सिंह चौहान को सत्ता में बने रहने देते हैं या फिर कांग्रेस की सत्ता में वापसी होती है। यह देखना दिलचस्प है।