नहीं चलेगी निजी स्कूल और कॉलेजों की मनमानी, करनी होगी फीस में 30% तक की कटौती

Gaurav Sharma
Published on -
mp school education department

आंध्र प्रदेश, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना महामारी ने हर वर्ग को प्रभावित किया है, जिसमें सबसे अधिक प्रभाव छात्रों की शिक्षा पर हुआ है। कोरोनाकाल ने अभिभावकों पर आर्थिक रुप से बहुत ज्यादा प्रभाव डाला है, जिसको देखते हुए सरकार ने स्कूल फीस को लेकर उन्हें राहत की सांस लेना का मौका दिया है। सरकार द्वारा लिए गए निर्णेय के हिसाब से अब निजी स्कूल और कॉलेजों को अपनी फीस में 30 फीसदी तक की कटौती करना पड़ेगी। देश की आंध्र प्रदेश सरकार ने इस फैसले को लेकर निजी सहायता प्राप्त स्कूलों अथवा कॉलेजों में फीस को लेकर कटौती करने की बात कही है।

वहीं फीस में 30 प्रतिशत कटौती को लेकर आंध्र प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव का कहना है कि मामले में सावधानी के साथ की गई जांच और आंध्र प्रदेश स्कूल शिक्षा नियामक निगरानी आयोग (APSERMC) द्वारा की सिफारिशों के चलते राज्य सरकार ने शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए शिक्षण शुल्क में 30 प्रतिशत की कमी का निर्णय लिया है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।