कर्मचारी-पेंशनर्स के DA में 4 फीसद की वृद्धि, आदेश जारी, खाते में 37000 तक बढ़ेगी राशि, एरियर्स का होगा भुगतान

Kashish Trivedi
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देहरादून, डेस्क रिपोर्ट। राज्य सरकार ने अपने 7th Pay Commission कर्मचारियों (Employees) को स्थापना दिवस से पहले बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल राज्य सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स (pensioners) के महंगाई भत्ते बढ़ा (DA Hike) दिए हैं। बढे हुए DA का लाभ तीन लाख से अधिक शासकीय कर्मचारी और पेंशनर्स को होगा। इसके साथ ही सातवें वेतन आयोग के तहत अब कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को बढ़ाकर 38 फीसद कर दिया गया है। कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसद की भारी वृद्धि की गई है। साथ ही महंगाई भत्ता बढ़ने से कर्मचारियों की सैलरी में सालाना 12 हजार से लेकर 1 लाख 20 हजार रुपए तक का इजाफा देखने को मिलेगा।

इस संबंध में वित्त विभाग के सचिव दिलीप जावलकर ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के करीब ढाई लाख कर्मचारियों-पेंशनर्स को पारिवारिक पेंशन उसकी महंगाई भत्ते में वृद्धि कर उन्हें बड़ी सौगात दी है। राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर सार्वजनिक अवकाश के बावजूद वित्त विभाग ने डीए वृद्धि के शासनादेश जारी किए हैं।

उत्तराखंड वित्त सचिव के जारी आदेश के तहत सातवें पुनरीक्षित वेतनमान के तहत राज्य कर्मचारी सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थान और शहरी स्थानीय निकाय और नियमित पूर्वकालिक अधिकारी सहित यूजीसी वेतनमान में कार्यरत अधिकारियों के लिए महंगाई भत्ते में वृद्धि एक जुलाई 2022 से लागू होगी। बढे हुए दर पर कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का भुगतान उन्हें 1 जुलाई से किया जाएगा। 4% की वृद्धि के साथ राज्य सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते 34 से बढ़ाकर 38 फीसद कर दिए गए हैं।

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साथ ही कर्मचारियों को 1 जुलाई से 31 अक्टूबर तक के एरियर्स का भुगतान नगद किया जाएगा। 1 नवंबर 2022 से महंगाई भत्ते का भुगतान नियमित वेतन के साथ किए जाने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया है। वहीं अंशदाई पेंशन योजना वाले कर्मचारियों के पेंशन अंश दाता, नियोक्ता के अंश के साथ एनपीएस के खाते में जमा करवाए जाएंगे।

सरकार के इस आदेश के बाद राज्य सरकार और पेंशनर्स के वेतन में एक तरफ जहां भारी वृद्धि जाए देखी जाएगी। वहीं डीए के भुगतान पर राज्य पर 540 करोड़ सालाना अतिरिक्त खर्च पड़ेगा। वहीं कर्मचारियों को उनकी वेतनमान के हिसाब से 550 रूपए से लेकर 10000 प्रतिमाह उपलब्ध कराए जाएंगे जबकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष सहित स्थानीय निकाय और सार्वजनिक उपक्रम के लिए शासनादेश अलग से जारी किए जाएंगे।


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