जयपुर, डेस्क रिपोर्ट। राजस्थान रोडवेज कर्मचारियों का आंदोलन दिनों दिन तेज होता जा रहा है।
रोडवेज कर्मचारियों के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे द्वारा पुरानी पेंशन, सातवें वेतनमान, वेतन-भत्तें और पेंशन समेत सेवानिवृत्ति के लाभ समेत 21 सुत्रीय मांगों को लेकर आगामी माह में 24 नवंबर को बड़े आंदोलन की तैयारी है, लेकिन इसके पहले 18 अक्टूबर को एक घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा। इस दौरान प्रदेश में रोडवेज के ऑफिसों में काम नहीं होगा। डिपो में काम करने वाले कर्मचारी भी काम रोककर विरोध जताएंगे।
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कर्मचारियों का कहना है कि यदि मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो 18 अक्टूबर को एक घंटे के लिए कार्य बहिष्कार किया जाएगा। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर 24 नवम्बर को कर्मचारी हड़ताल करेंगे। कर्मचारिरयों और अधिकारियों के संगठनों ने रोडवेज को राज्य सरकार का डिपार्टमेंट बनाने की मांग को लेकर नवंबर से आंदोलन करने का ऐलान किया है। उन्होंने हरियाणा रोडवेज की तर्ज पर राजस्थान रोडवेज काे मर्ज करने की मांग की है। संयुक्त मोर्चा ने 24 नवंबर तक 9 चरण में एकजुट होकर आंदोलन करने का फैसला किया है। इस दिन पूरे प्रदेश में रोडवेज बसों का संचालन बंद रखा जाएगा।
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नागौर राजस्थान स्टेट रोडवेज एम्पलाइज यूनियन का कहना है कि दिवाली नजदीक है, बावजूद इसके कर्मचारियों को अगस्त 2022 से सितंबर 2022 तक का वेतन और दिवाली बोनस भी नहीं मिला है। पिछले चुनाव में रोडवेज की स्थिति सुदृढ़ करने, नए वाहन देने, नई भर्तियां आदि को कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था, लेकिन सरकार वादाखिलाफी कर रही है,जिसके कारण कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। 21 सूत्री मांगों को लेकर आगामी 24 नवंबर को प्रदेश व्यापी हड़ताल का आह्वान भी कर्मचारी संगठनों की ओर से किया गया है।
ये है प्रमुख मांगे
दिवाली बोनस एवं एक्सग्रेसिया का भुगतान करने, हर महीने वेतन व पेंशन का भुगतान करने, बस स्टैंडों को राजस्थान राज्य बस अड्डा विकास प्राधिकरण के अधीन करने पर रोक, अंतरराष्ट्रीय मार्गों को राष्ट्रीयकृत करने, 2000 नई बस, 10000 रिक्त पदों पर भर्ती करने, रोडवेज बस स्टैंडाें के बाहर से निजी बसों संचालन रोककर शहर के बाहर से करने,7वें वेतनमान को जनवरी 2016 से लागू और पुरानी पेंशन योजना लागू करने, सेवानिवृत्ति कर्मचारियों को बकाया भुगतान करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तय की गई।इसमें रोडवेज कर्मचारी समय पर सैलरी भुगतान करने और आफ्टर रिटायरमेंट बेनेफिट्स भी शामिल है।
पूर्व मंत्री भी लिख चुके है पत्र
बीते महीनों पूर्व परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी रोडवेज को कॉरपोरेशन (निगम) से सरकारी डिपार्टमेंट बनाने के लिए सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिख चुके है। इसमें उन्होंने रोडवेज को डिपार्टमेंट बनाने से कर्मचारियों को राहत मिलने की बात कहीं।वही सुझाव दिया कि अगर राजस्थान ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट फंड (RTIDF) का 50 फीसदी पैसा भी रोडवेज को देकर डिपार्टमेंट बना दिया जाता है तो सरकार पर इसका कोई भार नहीं आएगा। चुंकी RTIDF में हर साल 800 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम जमा होती है।
9 चरणों में आंदोलन करने की तैयारी
- रोडवेज कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की ओर से 24 नवंबर तक नौ चरण में आंदोलन किया जाएगा।
- प्रथम चरण में 12 से 13 अक्टूबर तक देशव्यापी विरोध प्रदर्शन।
- 18 अक्टूबर को एक घंटे तक कार्य बहिष्कार।
- एक से 15 नवंबर तक इकाइयों के संयुक्त दौरे।
- 17 नवंबर को जयपुर में प्रदेश स्तरीय रैली।
- 19 नवंबर को ढोल बजाओ-सरकार जगाओ प्रदर्शन.
- 22 व 23 नवंबर तक धरना प्रदर्शन किया जाएगा।