कर्मचारियों को मिलेगी एक और खुशखबरी! पुरानी पेंशन योजना पर अपडेट, जानें कब से मिलेगा लाभ?

Pooja Khodani
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केन्द्रीय कर्मचारियों-पेंशनरों के लिए अच्छी खबर है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड के बाद अब केंद्रीय कर्मचार‍ियों (Central Government Employees) को भी पुरानी पेंशन का लाभ मिल सकता है, इसके लिए जल्द पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme-OPS) को बहाल क‍िया जा सकता है। ताजा मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में तेजी से उठ रही मांग को देखते हुए आगामी चुनावों से पहले केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) साल 2024 से पहले इस पर विचार कर सकती है।

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दरअसल, पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के संकेत हाल में ही कानून मंत्रालय से मांगी गई जानकारी से मिले है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में केंद्र सरकार ने कानून मंत्रालय से पुरानी पेंशन स्कीम पर मांगी थी, जिसमें पूछा गया था कि कौन से डिपार्टमेंट में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू की जा सकती है, हालांकि मंत्रालय की तरफ से अभी इस पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया है।

इधर, संसद के बीते सत्र में वित्र राज्य मंत्री भागवत कराड ने इस बात से इनकार किया था कि सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने पर विचार कर रही है।लेकिन हिमाचल प्रदेश और गुजरात में कांग्रेस और आप पार्टी के ऐलान और केन्द्रीय कर्मचारियों द्वारा तेजी से उठाई जा रही मांग के बाद संभावना जताई जा रही है कि आने वाले समय में केन्द्र सरकार पुरानी पेंशन लागू कर सकती है।

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मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो केन्द्र सरकार की तरफ से ज‍िनकी भर्ती के ल‍िए 31 दिसंबर 2003 को या उससे पहले व‍िज्ञापन जारी किए गए थे, उनके ल‍िए पुरानी पेंशन पर व‍िचार हो सकता है। केंद्र ने साल 2004 में नई पेंशन योजना को लागू किया था और सुत्रों की मानें तो 2024 तक पुरानी पेंशन योजना को पुन: बहाली किया जा सकता है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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