नई दिल्ली डेस्क रिपोर्ट। बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स प्लेटफार्म (e-commerce platform) अमेजॉन (Amazon) पर गांजा (hemp) बेचने का आरोप लगा है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of all india traders) ने मांग की है कि इसकी जांच एनसीबी (NCB) यानि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) को सौंपी जानी चाहिए। मामला प्रदेश के भिंड जिले (Bhind District) से जुड़ा हुआ है।
व्यापारियों की संस्था कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट (CAT) ने यह मांग की है कि ई-कॉमर्स (e-commerce) कंपनी अमेजॉन पर लगे गंभीर आरोपों की जांच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को सौंपी जानी चाहिए। दरअसल मध्यप्रदेश (madhya pradesh) के भिंड जिले में पकड़े गए गांजा तस्करों ने खुलासा किया है कि वह पिछले एक साल से एक कुंटल से ज्यादा गांजा अमेजॉन के माध्यम से बेच चुके हैं और यह स्टीविया (Stevia) बताकर बेचा जाता था।
कैट के पदाधिकारियों ने इसे देश की सुरक्षा (Internal Security) के लिए गंभीर खतरा बताया है और कहा है कि यदि गान्जे जैसा मादक पदार्थ अमेजॉन के माध्यम से भेजा जा सकता है तो फिर अवैध हथियार (illegal arms) या अन्य अवैध गतिविधियां (illegal activities) भी इस इकॉमर्स प्लेटफॉर्म से संचालित हो सकती हैं। कैट के पदाधिकारियों ने गृह मंत्री अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस मामले में अमेजॉन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
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दरअसल दो दिन पहले भिंड में पुलिस ने दो आरोपियों को 20 किलो गांजे के पैकेटो के साथ गिरफ्तार किया था और आरोपियो ने बताया था कि विशाखापट्टनम में गांजे की तस्करी के लिए अमेजॉन से 66% कमीशन पर उन्होंने डील की थी। अमेजॉन के माध्यम से दो-दो किलो के पैकटो में गांजा भेजा जाता था।
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स्टीविया यानी कढी पत्ता के नाम पर यह तस्करी की जाती थी। पुलिस ने इस मामले में भिंड (Bhind) के छीमका में गोविंद ढाबा के पास से कल्लू पवैया और बिजेंद्र को गिरफ्तार किया था और उनके पास से अमेजन की पैकिंग के डिब्बे, रैपर, बारकोड टैगिंग सहित 20 किलो गांजा पैकेटो में जप्त किया था। यह भी जानकारी मिली थी कि अब तक आरोपियों ने एक करोङ रुपए से ज्यादा गांजे की तस्करी की है।