वहीं ED का दावा है कि, पार्थ जांच में उनका सहयोग नहीं कर रहे हैं। तमाम सबूत होने के बाद भी पार्थ चटर्जी ने कुछ भी मानने से साफ इंकार कर रहे हैं। ED के अनुसार, चटर्जी के सामने पूरे सबूत के साथ कुछ दस्तावेज रखे गए थे जिसपर उन्होंने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है। बता दें कि कुछ दिन पहले ED ने कोलकाता में पार्थ और अर्पिता के फ्लैट पर छापेमारी की थी। जहां से उन्हें करोड़ों रुपए नगद समेत ज्वेलरी बरामद हुए थे। साथ ही कुछ दस्तावेज भी हाथ लगे थे। साथ ही दावा किया गया कि, अर्पिता मुखर्जी बहुत जल्द एक बच्चे को गोद लेने वाली थीं। जिसके लिए पार्थ चटर्जी ने NOC भी जारी किया था और जब इस मामले में उनसे पूछताछ की गई तो पार्थ ने जवाब देते हुए कहा कि, वह मात्र एक जनप्रतिनिधि है। उनके पास NOC के लिए ऐसे कई लोग आते हैं।
यह भी पढ़ें – Raju Srivastava Funeral : दिल्ली के निगमबोध घाट पर दी जाएगी राजू श्रीवास्तव को अंतिम विदाई
दरअसल, बंगाल शिक्षा घोटाले में ED ने 22 जुलाई और 27 जुलाई को पार्थ चटर्जी के घरों में छापेमारी की थी। जहां से उन्हें करीब 50 करोड़ रुपए कैश समेत आभूषण बरामद हुए थे। बता दें कि आभूषण की कीमत करीब 5 करोड रुपए थी। इसके अलावा फ्लैट, फार्म हाउस आदि जब्त किया गया था।
यह भी पढ़ें – लंपी के चलते सरकार ने पशुओं के टीके किए निशुल्क, संक्रमित क्षेत्रों में हो रहा टीकाकरण
वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी पर मनी लांड्रिंग केस लगने के बाद उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था। बता दें कि उनकी गिरफ्तारी के 5 दिन बाद ही ममता को यह कदम उठाना पड़ा था। क्योंकि मामला इतना बिगड़ चुका था कि, TMC के कार्यकर्ताओं ने ही अपने पार्टी से निष्काषित करने की मांग करने लगे थे। जिसके कारण ममता बनर्जी को पार्टी की बात पर गौर फरमाते हुए यह फैसला लेना पड़ा था।
यह भी पढ़ें – स्व सहायता समूह की एक एक बहन की आमदनी कम से कम 10 हजार रूपए महीना हो : सीएम शिवराज