Sat, Dec 27, 2025

कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि पर नई अपडेट, जानें हाई कोर्ट ने क्या कहा

Written by:Pooja Khodani
Published:
कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि पर नई अपडेट, जानें हाई कोर्ट ने क्या कहा

प्रयागराज, डेस्क रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने दिव्यांग कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि की मांग वाली जनहित याचिका खारिज कर दी है। इस याचिका में राज्य सरकार के दिव्यांग कर्मचारियों के संबंध में सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करने की मांग की गई थी।

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याचिकाकर्ता रामकली सामाजिक उत्थान इवान जन कल्याण समिति ने हाई कोर्ट को बताया कि हरियाणा राज्य और पंजाब राज्य में कार्यरत दिव्यांग सरकारी कर्मचारियों को 62 वर्ष की सेवानिवृत्ति की आयु का लाभ दिया जा रहा है, लेकिन यूपी में विकलांग कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष ही है। दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 में भी स्पष्ट है कि दिव्यांग व्यक्तियों को सार्वजनिक रोजगार के मामले में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा सकता है, ऐसे में दिव्यांग कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करने के लिए निर्देश जारी करना चाहिए।

इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस रजनीश कुमार की पीठ ने स्पष्ट किया कि अधिनियम, 2016 को समाज में अलग-अलग व्यक्तियों के सभी प्रकार के भेदभाव को प्रतिबंधित करने और समाज में उनकी प्रभावी भागीदारी और समावेश सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने के लिए बनाया गया, लेकिन यह ऐसा मामला नहीं है जहां याचिकाकर्ता यूपी राज्य में अलग-अलग सरकारी कर्मचारियों के साथ भेदभाव की ओर इशारा कर रहा है। यहां वह किसी भी तरह से अपने समकक्षों की तुलना में कमजोर नहीं हैं।

हाई कोर्ट ने गहा कि  भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 को रेखांकित करने के लिए संदर्भित किया कि इसका अर्थ यह नहीं पढ़ा जा सकता कि सभी कानून सभी लोगों पर समान रूप से लागू होने चाहिए। अनुच्छेद 14 वर्गीकरण की अनुमति देता है। हालांकि, इस तरह के वर्गीकरण का कुछ उचित आधार होना चाहिए, जिसका अर्थ है कि उचित वर्गीकरण वर्जित नहीं है।हरियाणा राज्य और पंजाब राज्य द्वारा अपने अलग-अलग दिव्यांग कर्मचारियों के लिए निर्धारित सेवानिवृत्ति की आयु को तब तक लागू नहीं किया जा सकता है जब तक कि यूपी के अलग-अलग दिव्यांग कर्मचारियों का संबंध भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 16 या दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 में निहित अधिकार के मामले में है।

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हाई कोर्ट ने आगे बताया कि यूपी राज्य में अलग-अलग दिव्यांग कर्मचारी पंजाब और हरियाणा राज्य की सेवा करने वाले अलग-अलग दिव्यांग कर्मचारियों के अच्छी तरह से परिभाषित वर्ग से अलग वर्ग बनाते हैं। वर्तमान मामले के तथ्यों में जहां तक ​​उनकी सेवानिवृत्ति की आयु का संबंध है, उत्तर प्रदेश राज्य में अलग-अलग दिव्यांग कर्मचारियों के साथ विभेदक व्यवहार की दलील मान्य नहीं है।इसी के चलते हाई कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी।