कर्मचारियों-पेंशनरों के लिए बड़ी खबर, पुरानी पेंशन बहाली पर अपडेट, संघ ने दी चेतावनी, सीएम ने किया ये बड़ा वादा

Pooja Khodani
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शिमला, डेस्क रिपोर्ट। राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना बहाली के बाद अब अलग अलग राज्यों में भी आगामी चुनावों से पहले इस मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है। एक तरफ एनपीएस कर्मचारी महासंघ इस मुद्दे को लेकर आंदोलनरत है, वही दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस (Congress) ने 10 गारंटी वाले अपने मिनी चुनावी घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) बहाली का ऐलान कर सियासी पारा हाई कर दिया है।

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दरअसल, हाल ही में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस नेताओं ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश के लिए दस गारंटी की घोषणा की, इसमें खास तौर पर पुरानी पेंशन बहाली का भी वादा किया गया है।वही कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में सरकार पहले ही सभी घोषणाओं को लागू कर चुकी है। हिमाचल में भी पूरी की जाएंगी। कांग्रेस की इस घोषणा के बाद राज्य में पुरानी पेंशन योजना की मांग ने ना सिर्फ जोर पकड़ लिया है बल्कि सियासी गलियारों में भी हलचल तेज कर दी है। संभावना जताई जा रही है कि जयराम ठाकुर सरकार इसे बहाल कर आगामी चुनावों से पहले बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेल सकती है।

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नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ की प्रदेश की चारों लोकसभा सीट पर क्रमिक अनशन की अपील पर कांगड़ा-चंबा के कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय धर्मशाला में अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन शुरू कर दिया। उन्होंने सरकार ने मांग उठाई है कि जब तक उनकी पेंशन बहाली नहीं कि जाती है, उनका आंदोलन इसी तर्ज पर जारी रहेगा। वही लोकसभा के बाद अब विधानसभा व पंचायत स्तर पर भी आंदोलन करने की चेतावनी दी है। संघ ने प्रदेश में एक लाख 35 हजार कर्मियों के लिए ओल्ड पेंशन बहाली की जोर-शोर से मांग रखी है।

कर्मचारियों ने दी ये चेतावनी

इधर, 13 अगस्त से पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे एनपीएस कर्मचारी महासंघ के कर्मचारियों ने चुनावों से पूर्व उनकी मांग पूरी न होने पर प्रदेश सरकार को खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी है। वही शिमला के बाद गुरुवार से हमीरपुर, कांगड़ा और मंडी में भी क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है और लोकसभा स्तर पर क्रमिक अनशन करने का फैसला लिया है। इसके उपरांत सरकार उनकी मांगों पर कोई गौर नहीं करती है तो आने वाले समय में जिला व ब्लॉक स्तर पर भी इस प्रकार के क्रमिक अनशन किए जाएंगे। न्यू पेंशन स्कीम के खात्मे के लिए हिमाचल सरकार ने आनन-फानन में कमेटी का गठन किया है

सीएम ने दिया था ये बयान

बता दे कि बीते दिनों मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का बयान सामने आया था कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन केंद्र सरकार के सहयोग के बिना नहीं दी जा सकती। हम इसका रास्ता ढूंढ रहे हैं। हिमाचल में पुरानी पेंशन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बंद की थी,उस समय एनपीएस लागू करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना था। इससे पहले जयराम ठाकुर ने कहा था कि कर्मचारियों को अपनी मांगें रखने का पूरा अधिकार है, लेकिन सरकार सभी मांगें पूरी की जाए, यह मुमकिन नहीं। प्रदेश की परिस्थितियों के मद्देनजर कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग पूरी होगी या नहीं, यह कहना अभी मुश्किल है।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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