दरअसल, अगस्त में योगी आदित्यनाथ सरकार की पहल के बाद शुरू की गई पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना से अब सभी कर्मचारियों को जोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसके लिए कर्मचारियों और पेंशनरों के हेल्थ कार्ड बनाए गए हैं। हालांकि अभी आयुष्मान योजना के पोर्टल से इसकी कनेक्टिविटी नहीं हो सकी है। ऐसे में ऑफलाइन यानि अस्पताल से ईमेल के जरिए इलाज के सारे कागजात और फोटो मंगवाए जा रहे हैं। उनके सत्यापन के आधार पर अस्पतालों को भुगतान हो रहा है।
खास बात ये है कि इस स्कीम में जनरल के साथ ही सेमी प्राइवेट और प्राइवेट वार्ड की भी व्यवस्था है।वही कर्मचारी या पेंशनर के पे-बैंड को देखकर उसकी अर्हता के हिसाब से उसे जनरल, सेमी प्राइवेट या प्राइवेट वार्ड में रखने की सुविधा मिलेगी।किस व्यक्ति को किस स्तर की सुविधा देनी है, अस्पताल को इसका पता कर्मचारी या पेंशनर का हेल्थ कार्ड पर अंकित नंबर योजना के पोर्टल पर डालते ही चल जाता है।फिलहाल कर्मचारी और पेंशनर यूपी के सरकारी या निजी अस्पतालों में ही इस कैशलैस इलाज की सुविधा का लाभ ले सकते हैं।
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गौरतलब है कि बीते महीनों उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य 22 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों (UP Employees and Pensioners ) को तोहफा देते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के तहत कैशलेस इलाज की सुविधा लागू कर दी है।इसके तहत हेल्थ कार्ड दिखाकर सरकारी कर्मी व उनके परिजन सरकारी अस्पताल व योजना से सम्बद्ध अस्पताल में मुफ्त इलाज करा सकेंगे।वही पेंशनर्स एवं उनके आश्रितों को मिलाकर करीब 75 लाख लोग लाभान्वित होंगे।इसमें राज्य कर्मचारी और पेंशनर या उनके परिवारजनों को निजी अस्पतालों में 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त करा सकेंगे। वहीं सरकारी संस्थानों में खर्च की कोई समयसीमा नहीं होगी