कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, अवकाश के लिए लेनी होगी परमिशन, ये रहेंगे नियम, नई गाइडलाइन जारी

Pooja Khodani
Published on -
Govt employee news

गोरखपुर, डेस्क रिपोर्ट। रेल कर्मचारियों (Indian Railway Employees) के लिए बड़ी खबर है। रेलवे ने कर्मचारियों द्वारा स्वास्थ्य के नाम पर लंबी छुट्टी और कई दिनों तक गायब रहने के कारण बड़ा फैसला किया है। रेलवे ने  स्वास्थ्य के नाम पर अवकाश लेने वाले कर्मचारियो पर नियंत्रण लगाने के लिए नया नियम जारी किया है। इसके तहत कर्मचारियों को अब स्वास्थ्य के आधार पर अवकाश तभी मिलेगा जब वे रेलवे चिकित्सालय में भर्ती होंगे।

MP RTE Admission: आज से चॉइस अपडेट की प्रकिया शुरू, 2 अगस्त को स्कूलों का आवंटन, 6 अगस्त तक प्रवेश

दरअसल, रेलवे ने कर्मचारियों की छुट्टियों को लेकर नई गाइडलाइन जारी की।  रेलवे कर्मचारियों को अब एक सप्ताह का ही छुट्टी (बीमारी का प्रमाण पत्र) और एचओडी (हार्ड आन ड्यूटी यानी कार्य के दौरान घायल होने का प्रमाण पत्र) मिलेगा। अब किसी भी रेलवे कर्मचारी को बिना भर्ती किए एचओडी नहीं दिया जाएगा। हर तीसरे दिन कर्मचारी को अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी और ऐसा ना करने पर सिक की समीक्षा की जाएगी और इसे निरस्त भी किया जा सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,  रेलवे चिकित्सालय की नई गाइडलाइन के अनुसार, एक सप्ताह से अधिक समय का बीमारी के लिए छुट्टी लेने के लिए केंद्रीय रेलवे चिकित्सालय के चिकित्सा निदेशक से परमिशन लेनी पड़ेगी।यदि कर्मचारी चलने-फिरने लायक नहीं है तभी उसे एचओडी दिया जाएगा। इसके साथ ही उसे उपस्थिति नहीं देने की छूट रहेगी।

सरकारी कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज, अगस्त में मिलेगा प्रमोशन का लाभ! DoPT ने शुरू की तैयारी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,  इतना ही नही डीलर भी सिक वाले कर्मचारियों से घोषणा पत्र लेंगे कि वे इस दौरान वे मुख्यालय गोरखपुर नहीं छोड़ सकेंगे। चिकित्सालय के चिकित्सक और डॉक्टर्स भी सिक में रहने वाले कर्मचारियों की जांच करते रहेंगे। अगर कोई चिकित्सक एक सप्ताह से अधिक समय का सिक लेता है तो वे जवाबदेह होंगे। इसके तहत हर गुरुवार को सिक एवं एचओडी से संबंधित फाइल उनके समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।

 

 


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News