24 अक्टूबर को ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट से टकरा सकता है Cyclone Dana, 200 ट्रेन कैंसिल, जानें कहां से मिला नाम

पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाके में इस समय गहमागहमी की स्थिति बनी हुई है क्योंकि 24 अक्टूबर को चक्रवाती तूफान डाना तट से टकरा सकता है। कई राज्यों पर इसका असर देखने को मिलेगा।

Diksha Bhanupriy
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Cyclone Dana

Cyclone Dana: एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान ‘डाना’ पूर्वी भारतीय तट की और लगातार बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। इस तूफान के 24 अक्टूबर की रात ओडिशा और पश्चिम बंगाल से टकराने की संभावना जताई गई है। तूफान के असर को देखते हुए कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। जिसमें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और बिहार जैसे राज्य शामिल हैं। यह चक्रवात गंभीर तूफान के रूप में बदलने की आशंका जताई गई है।

डाना की वजह से ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश होगी। बंगाल की खाड़ी में पहले से ही कम दाब का क्षेत्र बना हुआ है जिसकी वजह से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु का मौसम प्रभावित हो रहा है यह चक्रवात भारतीय तट पर बीते दो महीने में आने वाला दूसरा तूफान है क्योंकि इसके पहले ‘असना’ ने अगस्त के महीने में तटीय क्षेत्र को प्रभावित किया था।

डाना से लड़ने को तैयार सरकार

साइक्लोन के असर को देखते हुए ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकार ने तटीय और निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है। जितने भी संवेदनशील क्षेत्र हैं वहां के शैक्षणिक संस्थान बंद रहने वाले हैं। इस चक्रवात के कारण 25 अक्टूबर को 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने वाली है, क्योंकि यह 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ सकता है।ओडिशा सरकार ने 14 जिलों के 3000 गांव से 10 लाख लोगों को राहत शिविर में भेजने की योजना तैयार की है। बताया जा रहा है कि राज्य की आधी आबादी इस चक्रवात से प्रभावित हो सकती है।

कई ट्रेन रद्द

तूफान के असर को देखते हुए ईस्ट कोस्ट रेलवे ने ओडिशा से गुजरने वाली और यहां से चलने वाली तकरीबन 200 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। भुवनेश्वर से रामेश्वरम तक जाने वाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस, तिरुनेलवेली से चलने वाली शालीमार एक्सप्रेस जैसी ट्रेन भी रद्द है।

क्या है डाना का अर्थ (Cyclone Dana) 

सबसे पहले तो हम आपको बता दें कि इस चक्रवात का नाम कतर से निकला है। इस नाम को चक्रवातों के लिए बनाए गए मानव को के मुताबिक रखा गया है। अरबी में इसका अर्थ ‘उदारता’ होता है।

कौन करता है चक्रवात का नामकरण

चक्रवात के नामकरण की प्रक्रिया साल 2000 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया प्रशांत की ओर से शुरू की गई थी। शुरुआत में इस समूह में म्यांमार, भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, ओमान, श्रीलंका, थाइलैंड और मालदीव शामिल थे। 2018 में इसका विस्तार किया गया जिसके बाद कतर, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, ईरान और यमन जैसे देशों को इसमें जोड़ा गया।

कैसे रखा जाता है नाम

जब देश चक्रवात का नाम भेजते हैं तो उन्हें कुछ दिशा निर्देशों और मानकों का पालन करना होता है। यह बात सुनिश्चित की जाती है कि साइक्लोन का नाम राजनीति या फिर राजनीतिक व्यक्तियों से जुड़ा हुआ नहीं होना चाहिए। इसका धार्मिक मान्यताओं से कोई संबंध नहीं होना चाहिए। इसके अलावा कई सीमाएं हैं जिनका ध्यान रखना जरूरी होता है।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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