Defamation Case: MP-MLA कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया, ये है पूरा मामला

शिकायतकर्ता ने कहा कि जब राहुल ने ये बयान दिया उससे चार साल पहले ही मुंबई की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने अमित शाह को आरोप से बरी कर दिया था ये मामला 2005 में गुजरात में ही एक एनकाउन्टर से जुड़ा है तब अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री थे।

Rahul

Defamation Case: मानहानि से जुड़े एक मामले में राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, उन्हें एमपी एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने 2 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया है। राहुल गांधी पर गृह मंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले ने एक भाजपा नेता ने मानहानि का मुकदमा दर्ज किया है, फ़िलहाल इसी मामले में राहुल गांधी 20 फरवरी से जमानत पर हैं।

जानकारी के मुताबिक वर्ष 2018 में राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक संवाददाता सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसकी शिकायत भाजपा नेता विजय मिश्रा ने 4 अगस्त 2018 को पुलिस में की थी, मामला सुल्तानपुर की MP-MLA कोर्ट में चल रहा है।

अमित शाह पर ये आरोप लगाये थे राहुल गांधी ने 

शिकायतकर्ता का दावा है कि राहुल गांधी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था – “भाजपा कहती है कि वो स्वच्छ और इमानदार राजनीति में विश्वास करती है लेकिन उनका अध्यक्ष हत्या के मामले में आरोपी है”,  राहुल ने जब ये बयान दिया था तब अमित शाह भाजपा अध्यक्ष थे।

अमित शाह को कोर्ट पहले ही कर चुकी थी दोषमुक्त 

शिकायतकर्ता ने कहा कि जब राहुल ने ये बयान दिया उससे चार साल पहले ही मुंबई की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने अमित शाह को आरोप से बरी कर दिया था ये मामला 2005 में गुजरात में हुए एक एनकाउन्टर से जुड़ा है तब अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री थे।

कोर्ट ने राहुल को 2 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया 

मानहानि मामले की सुनवाई उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही है, इस मामले में राहुल गांधी पिछली 20 फरवरी से जमानत पर हैं, अभी 18 जून को सुनवाई होनी थी लेकिन जिस जज को केस की सुनवाई करनी थी वे उस दिन छुट्टी पर थे जिसके कारण 26 जून की तारीख दी गई, आज 26 जून को मामले की सुनवाई हुई और कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 जुलाई को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है।

राहुल के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है ये मानहानि मामला  

देखना होगा कि सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के वकील अपने आरोपों की सच्चाई पेश कर पाते हैं या फिर राहुल गांधी के वकील कोर्ट के सामने राहुल की बेगुनाही के प्रमाण देते हैं लेकिन यदि राहुल दोषी सिद्ध होते हैं तो उनके लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाएगी, उनकी संसद सदस्यता पर भी खतरा हो सकता है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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