नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कर्मचारियों के प्रमोशन (Employees Promotion) पर एक बड़ी अपडेट सामने आ गई है जिसको लेकर डीओपीटी (DoPT) ने आदेश जारी किया हैं। दरअसल आदेश के मुताबिक डीओपीटी ने एससी (SC) और एसटी (ST) के प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता की पुष्टि की बात कही है। इसके लिए जारी आदेश के मुताबिक रिक्तियों (vacancy) और प्रमोशन (promotion) को लेकर नवीन दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
जारी आदेश के मुताबिक इस विभाग के का.ज्ञा. क्रमांक 13/1/2017-सीएस.II(बी) Vo.II दिनांक 21.01.2019 और का.ज्ञा. सं. 12/2/2019-सीएस.II(बी) दिनांक 12.02.2019 जिसके द्वारा संवर्ग इकाइयों से एलडी ग्रेड एलडीसीई, 2017 और यूडी ग्रेड एलडीसीई, 2016 और 2017 के लिए रिक्तियां प्रदान करने का अनुरोध किया गया था।
हाल ही में, इस विभाग ने एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया है। आदेश सं. 36012/16/2019-स्था.(Res.) दिनांक 12.04.2022 पदोन्नति में आरक्षण लागू करने से पहले की जाने वाली प्रक्रिया के संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। दिनांक 28.01.2022 के अपने निर्णय में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित शर्तों के संदर्भ में दिनांकित कार्यालय ज्ञापन के पैरा 2 पदोन्नति में आरक्षण के नियम तय किये हैं। जिसमें ये शर्तें हैं:-
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता के संबंध में मात्रात्मक डेटा का संग्रह;
- इस डेटा को प्रत्येक संवर्ग (ग्रेड) के लिए अलग से लागू करना; और
- यदि रोस्टर मौजूद है, तो रोस्टर के संचालन की इकाई वह संवर्ग होगी। जिसके लिए रोस्टर में रिक्तियों को भरने के संबंध में मात्रात्मक डेटा एकत्र और लागू किया जाना है।
पदोन्नति में आरक्षण पर उपरोक्त दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए, CSCS [Annexure-I] की संवर्ग इकाइयों से अनुरोध है कि वे इस प्रभाग को इस बात की पुष्टि करें कि क्या उपर्युक्त कार्यालय ज्ञापनों के जवाब में जानकारी प्रदान की गई है। दिनांक 21.01.2019 और 12.02.2019 कार्यालय ज्ञापन के अनुरूप है।
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संख्या 36012/16/2019-स्था.(Res.) दिनांक 12.04.2022 ईमेल के माध्यम से नवीनतम 13.05.2022 तक कैडर इकाइयों से भी अनुरोध है कि वे नवीनतम आरक्षण दिशानिर्देशों के अनुरूप सूचना/पुष्टिकरण 13.05.2022 तक प्रस्तुत करें। ये वो इकाइयां है, जिन्होंने शून्य रिक्ति को फ़ॉर्वर्डेड किया है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुताबिक पदोन्नति में आरक्षण के लिए अपनी नीति को अंतिम रूप देने से पहले, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने सभी विभागों से अपने कम प्रतिनिधित्व पर डेटा एकत्र करने का आग्रह किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को केंद्र सरकार के भीतर एक कोटा प्राप्त हो।
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जनवरी में, सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला जारी किया जिसने प्रशासन को कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया है। एक आगामी पदोन्नति नीति है जिसके लिए अधिकारियों को पदोन्नति के लिए उनकी उपयुक्तता के लिए मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। डीओपीटी ने सभी संबंधित विभागों को यह मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, डीओपीटी ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण की नीति को लागू करने से पहले सभी मंत्रालयों / विभागों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पदोन्नति में आरक्षण की नीति को लागू करने और उसके आधार पर किसी भी पदोन्नति को लागू करने से पहले उपरोक्त शर्तों को पूरा किया जाए।
एससी और एसटी के कर्मचारी जो अपनी पदोन्नति में लंबी देरी से निराश थे, उन्हें इस बदलाव से लाभ होगा। हाल ही में जनवरी के रूप में, केंद्रीय सचिवालय सेवा मंच (सीएसएस फोरम) ने डीओपीटी से सीएसएस के सदस्यों के लिए लंबे समय से रुके हुए पदोन्नति को फिर से शुरू करने का अनुरोध किया है।