अब भारत की मिसाइलों को इस तरह मिलेगी मजबूती, जानने के लिए पढ़े पूरी खबर

Amit Sengar
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने शुक्रवार को ओडिशा के चांदीपुर अपतटीय क्षेत्र में एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से ‘सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट’ (SFDR) बूस्टर मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण किया है। यह किसी मिसाइल को सुपरसोनिक स्पीड से काफी ज्यादा दूरी पर मौजूद हवाई खतरों को रोकने में सक्षम बनाती है।

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आपको बता दें कि सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (SFDR) एक रॉकेट की तरह है, जो लंबी दूरी के मिसाइल खतरों को रोकने में मदद करेगी। ये रॉकेट मिसाइल को ध्वनि से तेज गति से बहुत लंबी दूरी पर हवाई खतरों को रोकने में सक्षम भी बनाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रैमजेट डीआरडीओ की ओर से विकसित एक प्रोपेल्शन तकनीक है। यह नोजल रहित मोटर और बूस्टर मोटर प्रणाली पर आधारित प्रक्षेपण रॉकेट है।

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SFDR-आधारित सिस्टम किसी मिसाइल को सुपरसोनिक गति से काफी अधिक दूरी पर हवाई खतरों को रोकने में सक्षम बनाता है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक आईटीआर द्वारा तैनात टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे कई रेंज इंस्ट्रूमेंट्स द्वारा प्राप्त किए गए डेटा से इस प्रणाली के सफल प्रदर्शन की पुष्टि हुई है। एसएफडीआर को हैदराबाद की रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं जैसे हैदराबाद की अनुसंधान केंद्र इमरत और पुणे की उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला के सहयोग से विकसित किया गया है।

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रक्षा मंत्री ने एसएफडीआर के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है। साथ ही उन्होंने रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने डिजाइन, विकास और परीक्षण में शामिल टीमों की सराहना की। और इसे देश में विशेष मिसाइल प्रौद्योगिकियों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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