कर्मचारियों को जल्द मिलेगा तोहफा! मार्च में बढ़ सकती है ब्याज दरें-पेंशन, जानें EPFO की नई अपडेट

Pooja Khodani
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। Employee Pension Scheme: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। 2021-22 के लिए प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) यानी पीएफ (PF) डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज दर बढ़ाने पर जल्द बड़ा फैसला हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसको लेकर मार्च में सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (CBT) की एक बड़ी बैठक गुवाहाटी में होने वाली है, जिसमें अंतिम फैसला लिया जा सकता है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,  ईपीएफओ (EPFO) कर्मचारियों को मार्च में बड़ी खुशखबरी मिल सकती है।मार्च में 2021-22 के लिए प्रॉविडेंट फंड डिपॉजिट्स पर ब्याज दर (interest rate) को फाइनल किया जा सकता है। इसके लिए ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ने अगली महीने की शुरुआत में गुवाहाटी में बैठक बुलाई है। माना जा रहा है इस बैठक में श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में 2021-22 के लिये ईपीएफ के ब्याज दर ( Employee Provident Fund Interest Rate) पर EPFO बोर्ड फैसला ले सकती है। इसके  साथ ही पेंशन की न्यूनतम राशि बढ़ाने को लेकर भी चर्चा हो सकती है।

पिछले साल मार्च में श्रीनगर में हुई बैठक CBT ने 2020-21 के लिए सदस्यों के खातों में ईपीएफ जमा राशि पर 8.5 फीसदी वार्षिक ब्याज दर देने की सिफारिश की थी, जिसके बाद वित्त मंत्रालय ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।इसके बाद EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बीते साल नवंबर को सीबीटी की बैठक हुई थी, लेकिन EPS बढ़ाने पर कोई फैसला नहीं हो पाया था, लेकिन अब संभावना जताई जा रही है कि जल्द फैसला हो सकता है।

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इससे पहले साल 2011-12 में पीएफ की दर 8.25 फीसदी रही, 2013-14 में ईपीएफओ पीएफ जमा पर 8.75 फीसदी ब्याज देता था,  2012-13 में पीएफ की ब्याज दर 8.5 फीसदी पर पहुंच गई।  2018-19 में पीएफ की ब्याज दर 8.65 फीसदी, साल 2016-17 में 8.65 फीसदी की दर और साल 2017-18 में यह दर 8.55 फीसदी थी और 2019-20 के लिए ब्याज दर 8.5 फीसदी तय की गई जो पिछले 7 साल में सबसे कम है अभी पीएफ में जमा पैसे पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज दिया जा रहा है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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