कर्मचारियों को जल्द मिलेगा बोनस का तोहफा, फेडरेशन ने केन्द्रीय मंत्री को लिखा पत्र, जानें खाते में कितनी आएगी राशि?

रेलवे अपनी प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने और सिक्योरिटी को सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में सभी गैर-राजपत्रित कर्मचारियों (Group C और Group D) को हर साल PLB का भुगतान करती है, जो उनके 78 दिनों के वेतन के बराबर होती है।

Pooja Khodani
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Railway Employees Bonus 2024: रेलवे के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है । दिवाली बोनस पर ताजा अपडेट सामने आया है। रेलवे कर्मचारियों के एक ग्रुप ने केंद्रीय मंत्री अश्‍व‍िनी वैष्णव से बोनस (PLB) की कैलकुलेशन छठे वेतन आयोग की बजाय सातवें वेतन आयोग के आधार पर करने की गुजार‍िश की है।

भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (IREF) के राष्ट्रीय महासचिव सर्वजीत सिंह का कहना है कि मौजूदा बोनस छठे वेतन आयोग के अनुसार न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये महीने के ह‍िसाब से है, लेक‍िन सातवें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये है।यह रेलवे कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से मिल रहा है, ऐसे में 7,000 रुपये म‍िन‍िमम सैलरी के आधार पर PLB की कैलकुलेशन करना कर्मचार‍ियों के साथ अन्याय है।

7वें वेतन आयोग के आधार पर बोनस की मांग

IREF का कहना है कि सरकारी निर्देशों के अनुसार रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन की बेस‍िक सैलरी के बराबर PLB बोनस मिलना चाहिए,लेक‍िन मौजूदा भुगतान 7,000 रुपये के आधार पर केवल 17,951 रुपये क‍िया जाता है।7वें वेतन आयोग के तहत रेलवे में न्यूनतम बेस‍िक सैलरी 18,000 रुपये है, इसलिए 78 दिन का 17,951 रुपये बोनस बहुत कम है, ऐसे में 18,000 रु बेस‍िक सैलरी के ह‍िसाब से 78 दिन का बोनस 46,159 रुपये बनता है, जिससे 7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारी को कम से कम (46,159-17,951)=28,208 रुपये लाभ होगा।

रेलवे कर्मचारियों को हर साल मिलता है बोनस

बता दे कि रेलवे कर्मचारियों को पीएलबी योजना के तहत हर साल दशहरा पूजा की छुट्टियों से पहले उत्पादकता से जुड़ा बोनस (पीएलबी) मिलता रहा है। भारत सरकार द्वारा बनाई गई नीति के अनुसार फेडरेशनों के साथ बातचीत के बाद 78 दिनों के वेतन के बराबर पीएलबी (7000 रुपये प्रति माह वेतन की काल्पनिक गणना के साथ) हर साल दशहरा पूजा की छुट्टियों के शुरू होने से पहले भुगतान किया जाता है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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