लाखों पेंशनरों के लिए राहत भरी खबर, जल्द लागू होने जा रहा है ये नियम, जानें किस तरह मिलेगा लाभ

सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्‍टम केंद्र सरकार की पहल है, इससे भारत के किसी भी बैंक या शाखा के माध्यम से पेंशन भुगतान की सुविधा मिलेगी।यह सुविधा 1 जनवरी, 2025 से शुरू की जाएगी।

Pooja Khodani
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EPF Pension Scheme

EPS Pensioners Rules: ईपीएफओ खाताधारकों और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। अगले साल से पेंशन को लेकर नियम बदलने वाले है, इसके तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की पेंशन योजना के दायरे में आने वाले पेंशनर्स किसी भी बैंक या उसकी ब्रांच से अपनी पेंशन निकाल सकेंगे।यह बदलाव 1 जनवरी 2025 से लागू होगा।नए सिस्टम से EPFO के 78 लाख से ज्यादा EPS पेंशन भोगियों को फायदा मिलने की उम्मीद है

दरअसल, हाल ही में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री और ईपीएफ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. मनसुख मांडविया ने कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के लिए केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (CPPS) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, इससे पूरे भारत में किसी भी बैंक, किसी भी शाखा के जरिए पेंशन पाना संभव हो जाएगा।केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली से EPFO के 78 लाख से अधिक EPS पेंशनभोगियों को लाभ होने की उम्मीद है।यह सुविधा 1 जनवरी 2025 से EPFO के चल रहे IT आधुनिकीकरण प्रोजेक्ट सेंट्रलाइज्ड आईटी इनेबल्ड सिस्टम (CITES 2.01) के हिस्से के रूप में लॉन्च की जाएगी। अगले चरण में, CPPS आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (ABPS) में एक सुचारु परिवर्तन करेगा।

किस तरह मिलेगा लाभ

  • CPPS पेंशन भुगतान आदेश (PPO) को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में स्थानांतरित करने की आवश्यकता के बिना पूरे भारत में पेंशन का वितरण सुनिश्चित करेगा, भले ही पेंशनभोगी अपना स्थान बदल देता हो या अपना बैंक या शाखा। यह उन पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत होगी जो सेवानिवृत्ति के बाद अपने गृहनगर चले जाते हैं।
  • पेंशनभोगियों को पेंशन शुरू होने के समय किसी भी सत्यापन के लिए शाखा में जाने की भी आवश्यकता नहीं होगी और पेंशन जारी होने पर तुरंत खाते में जमा कर दी जाएगी।  ईपीएफओ को उम्मीद है कि नई प्रणाली में जाने के बाद पेंशन वितरण की लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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