भारत सरकार ने एक बार फिर ओटीटी प्लेटफॉर्म और सिनेमाघरों पर लगाम लगाते हुए प्रदर्शित होने वाली फिल्मों को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दरअसल इसका उद्देश्य विशेष रूप से तंबाकू सेवन के खतरों के प्रति जागरूकता फैलाना बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि फिल्मों और वेब सीरीज में तंबाकू उत्पादों के बढ़ते उपयोग और इसके हानिकारक प्रभावों पर भी चिंता जताई गई है।
वहीं जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा जारी इन दिशा-निर्देशों को पूरी तरह से लागू करने की समयसीमा अगस्त 2024 तक निर्धारित की गई है। नए दिशानिर्देशों के चलते दर्शकों को इससे जुड़ी जानकारी सही तरीके से मिल सकेगी। जानिए क्या बदलाव सरकार द्वारा किए गए हैं।
इन नियमों में किया गया बदलाव
दरअसल सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म और सिनेमाघरों में दिखाई जाने वाली फिल्मों के लिए तंबाकू उत्पादों के उपयोग और उनके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से नए नियम लागू किए हैं। इसी के चलते इन नियमों के तहत डिजिटल और पारंपरिक मीडियम पर तंबाकू के विज्ञापनों और प्रसारण को नियंत्रित किया जा सकेगा। वहीं इसके लिए नियम 11 में एक उप-नियम जोड़ा गया है, जो तंबाकू के उपयोग से जुड़े सख्त दिशा-निर्देश जारी करता है, जिससे दर्शकों में तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके।
तंबाकू विरोधी स्वास्थ्य संदेश दिखाना अनिवार्य
वहीं नए नियमों के तहत, फिल्मों और वेब सीरीज की शुरुआत में कम से कम 30 सेकेंड का तंबाकू विरोधी स्वास्थ्य संदेश दिखाना अनिवार्य किया गया है, जिसमें तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान को सार्वजानिक किया जाएगा। दरअसल इससे दर्शकों को इसके खतरों के बारे में जागरूक किया जा सके। वहीं इसके अलावा, फिल्म के दौरान भी 20 सेकेंड का विजुअल डिस्क्लेमर भी प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें तंबाकू के दुष्प्रभावों को स्पष्ट रूप से समझाया जाना आवश्यक है।