Zomato को लगा तगड़ा झटका, जीएसटी ने 11.82 करोड़ रुपए भरने का जारी किया नोटिस

Zomato का जीएसटी की तरफ से मिली नोटिस को लेकर कहना है कि इस मामले में सभी दस्तावेजों और कानूनी मिसालों के आधार पर अपना पक्ष रखा है।

Shashank Baranwal
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Zomato GST Notice: फूड डिलीवरी कंपनी Zomato को एक बार फिर झटका लगा है। एडिशनल कमिश्नर, सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स, गुरुग्राम ने कंपनी को नोटिस दिया गया है, जिसमें कंपनी पर 11.82 करोड़ रुपए का जुर्माना और ब्याज भरने को कहा गया है। कंपनी की तरफ से इस बात की जानकारी 19 अप्रैल को दी गई।

2017-21 तक की अवधि के लिए जीएसटी की नोटिस

दरअसल, यह जुर्माना Zomato कंपनी पर जुलाई 2017 से मार्च 2021 तक की अवधि के लिए लगाई गई है। इस दौरान कंपनी की तरफ से विदेशी सहायक कंपनी को एक्सपोर्ट सर्विसेज की सुविधा दी गई थी, जिस पर जीएसटी क्लेम किया गया था। वहीं कंपनी को मिली नोटिस में कहा गया है कि यह सर्विसेज जीएसटी छूट के लिए सही नहीं है।

अपीलीय अधिकारी से अपील करेगी कंपनी

Zomato का जीएसटी की तरफ से मिली नोटिस को लेकर कहना है कि इस मामले में सभी दस्तावेजों और कानूनी मिसालों के आधार पर अपना पक्ष रखा है। लेकिन अधिकारियों द्वारा जुर्माना और ब्याज भरने की नोटिस जारी करते हुए इन बातों पर ध्यान नहीं दिया गया। वहीं कंपनी का कहना है कि नोटिस के निर्णयों को लेकर अपीलीय अधिकारी के समक्ष आदेश को अपील करेगी।

पहले भी मिल चुका है कंपनी को नोटिस

Zomato कंपनी को इससे पहले भी जीएसटी का नोटिस मिल चुका है। उस समय नोटिस कंपनी को कामर्शियल टैक्स के असिस्टेंट कमिश्नर, कर्नाटक की तरफ से मिला था। इस दौरान Zomato को 23.26 करोड़ रुपए जुर्माना और ब्याज का भुगतान करने की नोटिस जारी हुई थी।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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