अंतरिक्ष में सीसीटीवी लगाने का ISRO का मिशन फेल, तकनीकी खामी बनी कारण

Published on -

नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो गुरुवार की सुबह पौने छह बजे नया इतिहास रचने से चूक गया। अर्थ ऑब्जरवेशन सेटेलाइट (EOS-3)को GSLV-F10 रॉकेट उड़ान भरने के 10 सेकंड पहले ही खराब हो गया। मिशन कंट्रोल सेंटर को रॉकेट के तीसरे स्टेज में लगे क्रायोजेनिक इंजन से 18.29 मिनिट पर सिग्नल और आंकड़े मिलने बन्द हो गए, इसके बाद मिशन कंट्रोल सेंट्रल में वैज्ञानिको के चेहरे पर तनाव नज़र आने लगा। थोड़ी देर तक वैज्ञानिक आंकड़ों के मिलने और अधिक जानकारी का इंतज़ार करते रहे, मिशन डायरेक्टर ने इसकी  सेंटर इसरो चीफ को सारी जानकारी दी ,इसके बाद इसरो प्रमुख ने कहा कि क्रायोजेनिक इंजन में तकनीकी खराबी पता चली है, जिसकी वजह से मिशन पूरी तरह सफल नही हो पाया। सुबह 5:43 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड से GSLV-F10 रॉकेट सटीकता के साथ उड़ा दो मिनट तक उड़ने के बाद पहले स्टेज यानी रॉकेट के के सबसे निचले हिस्से में लगे स्ट्रैपऑन बूस्टर्स 2 मिनट 29 सेकेंड के बाद अलग हो गए ।

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस : बेहद खास थीम के साथ मनाया जा रहा आज ..

इसरो के मुताबिक अभी तक जियो ऑर्बिट यानी धरती से 36 किलोमीटर दूर की कक्षा में किसी रिमोट सेंसिंग यानी अर्थ ऑब्जरवेशन सेटेलाइट को नही तैनात किया गया,यह पहली बार होता जब EOS-3 इतनी दूरी पर भारत की तरफ अपनी नज़रे गड़ाकर निगरानी करता,या यूं भी कहा जाए कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए अंतरिक्ष मे सीसीटीवी कैमरे लगा रहा है, यह सेटेलाइट पूरे दिन देश की तस्वीर लेता , जिसे जरूरत के हिसाब से इसरो के वैज्ञानिक या देश के अन्य मंत्रालय या विभाग उपयोग कर सकते थे।


About Author

Harpreet Kaur

Other Latest News