“#रजत_शर्मा_ने_नहीं_दी_गाली” दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला, कांग्रेस को दिया संबंधित सभी पोस्ट को सोशल मीडिया से हटाने का आदेश

जस्टिस शर्मा ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह साफ तौर पर दिखाई दे रहा था कि रजत शर्मा द्वारा रागिनी नायक को गाली नहीं दी गई थी, लेकिन बाद के वीडियो में "रजत शर्मा ने गाली दी" यह डाला गया जो साफ तौर पर तथ्यों को देखते हुए पूरी तरह गलत है।

Rajat Sharma

Rajat Sharma – Ragini Nayak abuse case : इंडिया टीवी के इडिटर इन चीफ रजत शर्मा पर गाली देने के कांग्रेस के आरोपों को आज दिल्ली हाई कोर्ट ने झूठा बताया है, हाई कोर्ट ने कांग्रेस को आदेश दिया है कि वे रजत शर्मा से संबंधित सभी पोस्ट सोशल मीडिया से डिलीट करें। गौरतलब है कि कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने आरोप लगाया था कि इंडिया टीवी के एक शो के दौरान रजत शर्मा ने उन्हें गाली दी थी.. रागिनी के आरोप पर जयराम रमेश, पवन खेड़ा सहित पूरी कांग्रेस ने रजत शर्मा के खिलाफ मुहिम छेड़ दी थी..

कांग्रेस ने चलाया रजत शर्मा के खिलाफ हैश टैग 

इस घटनाक्रम के बाद सियासत तेज हो गई, कांग्रेस ने रजत शर्मा के खिलाफ हैश टैग भी चलाया, इंडिया टीवी ने कांग्रेस के आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उसे गलत बताया और चेतावनी दी कि यदि वो आरोप वापस नहीं लेती है तो वे कोर्ट जायेंगे और मानहानि का मामला दर्ज करेंगे।

रजत शर्मा ने किया 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा

कांग्रेस ने अपनी मुहिम जारी रखी , कांग्रेस ने गाली वाला कथित वीडियो वायरल किया और इंडिया टीवी ने उस दिन के शो का पूरा वीडियो जारी किया। जब कांग्रेस पीछे हटने को राजी नहीं हुई और इसे नारी सम्मान का प्रश्न मानकर लड़ाई तेज की तो फिर रजत शर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट में रागिनी नायक, जयराम रमेश और पवन खेड़ा पर 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा कर दिया।

हाई कोर्ट ने कांग्रेस को आदेश दिए- रजत शर्मा से संबंधित पोस्ट हटायें  

मुक़दमे की जानकारी सामने आने के बाद कांग्रेस ने पीसी की और वो मुकदमे का पर्चा भी लहराया साथ ही अपनी बात पर जमी रही कि रजत शर्मा ने रागिनी नायक को गाली दी। आज इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने सुनवाई के बाद कांग्रेस के आरोपों को झूठा मानते हुए वे सभी वीडियो, पोस्ट और ट्वीट सोशल मीडिया से हटाने के आदेश दिए जिसमें कांग्रेस आरोप लगा रही है कि रजत शर्मा ने गाली दी है। इंडिया टीवी ने कोर्ट की कार्रवाई की जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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