Kushinagar Airport: कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जिसे लगभग 28 महीने हो गए हैं उद्घाटन हुए, अब भी खाली बजट की चपेट में है। इसका सबसे बड़ा प्रभाव यह हो रहा है कि यहां से कोई भी विमान विदेश नहीं जा रहा है। इसके अलावा, मुंबई के लिए भी कोई उड़ान नहीं शुरू हुई है। उड़ानें तो चल रहीं थीं, लेकिन अब यहां से कोई भी विमान कहीं नहीं जा रहा है। इससे हालात निराशाजनक हो गए हैं।
उड़ानों का बंद होना भी एक कारण:
हवाई अड्डे पर उड़ानों का बंद होने का मुख्य कारण यह है कि यहां से अब तक कोई भी विमान विदेश नहीं गया है। इससे यहां के लोगों को बहुत ही असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, यह भी सवाल उठता है कि ऐसे मंदी के बीच जो लोग इस अड्डे पर नौकरी पाए थे, उनका क्या होगा? इस प्रकार के सवालों का हल ढूंढने के लिए विभिन्न स्तरों पर चर्चा हो रही है। दरअसल 4 दिन इस हवाई अड्डे से एक फ्लाइट कोलकाता के लिए चली थी मगर अब वह फ्लाइट भी बंद हो गई है।
आजादी से लेकर अब तक:
दरअसल कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की शुरुआत 1945 में हुई थी, जब भारत अंग्रेजों की हुकूमत में था। उस समय इस अड्डे का उपयोग बहुत कम होता था। फिर इसे वायु सेना ने 1962 में सुधारा था। जिसके बाद बात 2017 में आई, जब पीएम मोदी ने इसे उद्घाटन किया। तब से लेकर अब तक, इसे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में चिह्नित किया गया है। लेकिन विमानों के खाली बजट की चपेट में अड्डा अब भी खाली है। इससे कुशीनगर के निवासियों में काफी निराशा बनी हुई है।
हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जल्द ही उड़ानें फिर से शुरू हो सकेंगी। दरअसल इसे सक्रिय करने के लिए सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने मिलकर काम करने का भरोसा दिखाया है।